विन्दु आचार्य ओम शंकर जी ने आज दिनांक 27/09/2021 के सदाचार संप्रेषण में कल सम्पन्न हुए युग -भारती वार्षिक अधिवेशन की समीक्षा की l
कल आचार्य जी का भाषण शक्ति -उपासना पर केन्द्रित रहा आज आपने युग भारती के चार विन्दु शिक्षा,स्वास्थ्य, स्वावलंबन और सुरक्षा का संस्पर्श किया l
शिक्षा का विद्रूपण हो रहा है उसमें सुधार की आवश्यकता है स्वास्थ्य के लिए आयुर्वेद का महत्त्व समझते हुए जीवनचर्या सही रखें
चिन्तन भी स्वावलम्बी होना चाहिए
सुरक्षित रहने के लिए संगठित रहने की आवश्यकता हैl
आचार्य जी ने
ॐ भद्रं कर्णेभिः शृणुयाम देवाः । भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्राः ॥
स्थिरैरङ्गैस्तुष्टुवांसस्तनूभिः । व्यशेम देवहितं यदायुः ॥
ॐ स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः । स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः ॥
स्वस्तिनस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः । स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥
ॐ शांतिः । शांतिः ॥ शांतिः॥।
की व्याख्या की
और अन्त में पितृपक्ष का महत्त्व बताया