प्रस्तुत है आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज आश्विन कृष्ण पक्ष पञ्चमी विक्रमी संवत् २०८१ (कालयुक्त संवत्सर ) 22 सितम्बर 2024 का सदाचार सम्प्रेषण
११५१ वां सार -संक्षेप
स्थान : लक्ष्मणपुरी (लखनऊ )
उत्साह, उमंग,उल्लास, विश्वास और भावना से संयुत हमारी समाजोन्मुखता के साथ हमारे अन्दर की सुरक्षित ऊर्जा को प्रदर्शित करने वाला और उसे प्रवाहित करने की शक्ति प्रदान करने वाला अपने विचारों को विश्वास में परिवर्तित करने का हौसला देने वाला अत्यन्त आनन्ददायक सम्मर्द कल से यहां लखनऊ में प्रारम्भ हो गया जिसमें हम राष्ट्र -भक्त (जिनमें पं दीनदयाल जी शतगुणित शक्तियों के साथ प्रविष्ट हो गए हैं) बिना भेदभाव के आत्मविस्तार की इच्छा लिए एकत्र हुए हैं इस सम्मेलन ने अनेक कीर्तिमान स्थापित कर दिए हैं इस सम्मेलन से निश्चित रूप से हमें ऊर्जा मिलेगी दृष्टि मिलेगी और हमारी दिशा सुस्पष्ट होगी
इसके अतिरिक्त जिलाधिकारी भैया विकास जी, भैया संतोष मिश्र जी, भैया विनय जी,भैया अभय जी, भैया बलराज पासी जी , भैया प्रतीक दुबे जी, भैया वीरेन्द्र त्रिपाठी जी, भैया पुनीत जी भैया अरविन्द जी की चर्चा क्यों हुई आदिवासियों द्वारा बनाई गई मूर्ति किसने प्रदान की राजनीति में सात्विक शक्ति की क्यों आवश्यकता है आदि जानने के लिए सुनें