3.1.22

आज दिनांक 03/01/2022 का सव्येष्ठ आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण

 समय समय पर होत है

समय समय की बात

किसी समय का दिन बड़ा 

किसी समय की रात 

कभी किसी का दिन बड़ा 

कभी किसी की रात

राम जन्म का दिन बड़ा 

कृष्ण जन्म की रात 

स्वयं दिखाई नही है देता 

पर सब कुछ दिखलाता

अपना और पराया सबको 

यही समय बतलाता

जिसके पास अधिक है उससे 

नही है काटा जाता 

जिसे चाहिए उसे यह कभी नही 

मिल पाता

किन्तु सत्य है जो भी इसका

करता है सम्मान 

समय बना देता है उसके सारे बिगड़े काम


इससे प्रेरित होकर हम लोग अपने समय का सदुपयोग करने के लिए आइये सुनते हैं आज दिनांक 03/01/2022

का सव्येष्ठ आचार्य श्री ओम शंकर जी का सदाचार संप्रेषण


https://sadachar.yugbharti.in/


https://youtu.be/YzZRHAHbK1w


https://t.me/prav353


आज के सदाचार संप्रेषण में आचार्य जी के मन में सांसारिकता के साथ सदाचार के संयोजन का भाव आया है


इस समय पढ़े लिखे लोगों के मन में उथल पुथल है कि सरकार किसकी बनेगी


गांव आदि में भी इसकी चर्चा चलती है अर्धशिक्षित लोग भीड़ का अंग बन जाते हैं


जाग्रत सक्रिय क्रियाशील देश संघर्ष के साथ सदैव संयुक्त रहते हैं


संघर्ष वैचारिक, व्यावहारिक, शारीरिक, सामाजिक या अध्यात्म की प्राप्ति का भी हो सकता है

संघर्ष मनुष्य का स्वभाव है


संघर्षण आग जलाने के लिए भी हो सकता है और आग बुझाने के लिए भी हो सकता है


हम लोगों का संघर्ष जिनके साथ है वो हमारे धर्म के विरोधी हैं


हमारा धर्म सन्मार्ग का प्रथम उपदेश और उन्नति का नियम है जिसमें कोई विकार नहीं है हमारा मार्ग सुस्पष्ट है और गन्तव्य है संसार की समस्याओं को सुलझाते हुए मोक्ष


आचार्य जी ने संयम और संस्कार को स्पष्ट किया


यतो अभ्युदय निःश्रेयससिद्धिः स धर्मः। (कणाद, वैशेषिकसूत्र, १.१.२)


की व्याख्या करते हुए बताया कि ऐसा धर्म तमाम विघ्न बाधाओं से उलझते हुए

अन्य से टक्कर लेने लगा



अनलहक  

(एक अरबी पद जो अहं ब्रह्मास्मि का वाचक है और जिसका अर्थ है मैं ही ब्रह्म या ईश्वर हूँ।)

के लिए " ईरान के मशहूर सूफ़ी संत मंसूर बिन अलहल्लाज को सूली पर चढ़ा दिया गया। आचार्य जी ने वह कथा बताई कि पत्थरों के विपरीत फूल मारने पर वह क्यों रोने लगा


संसार का जानना और मानना दुरूह विषय है अध्यात्म यही है

अपने अन्दर यही प्रवेश कर जाए तो आनन्द की सीमा नहीं


विचार और विकार मिल नहीं सकते


जो हमारे धर्म के विरोधी हैं उनसे सचेत रहें


हमारा संगठन विनाश के लिए नहीं विकास के लिए है

इसका ध्यान रखें और भारत मां की सेवा में रत रहें