प्रस्तुत है
वित्त आचार्य श्री ओम शंकर जी का आज दिनांक 24/03/2022 का सदाचार संप्रेषण
स्थान : उनाव
आचार्य जी उन अभिभावकों की प्रशंसा करते नहीं थकते जिन्होंने नया नया होने पर भी दीनदयाल विद्यालय में अपने बच्चों का प्रवेश कराया
आपने अतीत की अविस्मरणीय स्मृतियों के कपाट खोलते हुए बताया कि दीनदयाल विद्यालय का भवन बन चुका था लेकिन प्रारम्भ के दिनों में पानी की समस्या होने पर हम लोग पास में ही स्थित गङ्गा नदी का सहारा लेते थे
श्रीमद्भग्वद्गीता, पीपल,गाय की तरह गंगा से यदि संपर्क है तो कलयुग में इनसे अधिक कल्याणकारी और क्या हो सकता है
ये हमारे ऋषियों ने अध्यात्मोन्मुखी जीवन जीने के लिये सरल मार्ग बता दिये
देवरहा बाबा कहते थे कि गंगा में प्राणवायु का संचार होता है
जो भी हम करते हैं यदि समझ लें कि ये सब परमात्मा ही करवा रहा है तो हम अपने कार्यव्यवहार से असंतुष्ट नहीं रहते
समस्याओं के समाधान के लिये पुरुषार्थ की आवश्यकता होती है मनुष्य के साथ साथ पुरुष हैं इसकी हमें अनुभूति होनी चाहिये इसलिये हम लोगों को अध्ययन स्वाध्याय निदिध्यासन ध्यान धारणा के साथ साथ उपासना अवश्य करनी चाहिये
विद्यालय से जुड़ी अतीत की स्मृतियों में हम लोग उस समय होने वाली सदाचार वेला की भी चर्चा करें