16.4.22

आचार्य श्री ओम शंकर जी का आज दिनांक 16 अप्रैल 2022 का सदाचार संप्रेषण

 प्रस्तुत है अवाक्ष आचार्य श्री ओम शंकर जी का आज दिनांक 16 अप्रैल 2022

  का  सदाचार संप्रेषण 




https://sadachar.yugbharti.in/


https://youtu.be/YzZRHAHbK1है


मनुष्य द्वारा की गई अभिव्यक्ति उसका वैशिष्ट्य है और विभिन्न प्रकार से की गई उसकी अभिव्यक्तियां वैशिष्ट्य का विशेषीकरण है

इसी से व्यक्ति के व्यक्तित्व बनते हैं व्यक्ति, महत्त्वपूर्ण व्यक्ति,अतिमहत्त्वपूर्ण व्यक्ति,महापुरुष, अतिपुरुष,ऋषि, द्रष्टा आदि श्रेणियां हैं

और फिर सोपान चढ़ते चढ़ते वह सोsहम् की स्थिति में पहुंचता है और दूसरों को तत्त्वमसि का अनुभव कराता है

विश्व में भारत ही एक मात्र ऐसा देश है जिसे जीवनपद्धति का यह वैशिष्ट्य प्राप्त है कुछ अन्य देशों को भौतिक समृद्धि और दैहिक सौष्ठव प्राप्त है

भारत का वैशिष्ट्य अध्यात्म है इसे हमें गम्भीरता से समझना होगा जिस व्यक्ति का जितना अधिक अध्यात्म में प्रवेश होगा तो उसकी भाषा उतनी ही प्राणवान बलवती हो जाती है भाव का संपोषण मिलने पर वह भाषा अन्य व्यक्तियों को प्रभावित करती है और मन्त्र की अवस्था तक पहुंच जाती है


यह गम्भीर चिन्तन का विषय है जो अध्ययन स्वाध्याय चिन्तन मनन निदिध्यासन से संभव है

हम सभी के लिये तत्त्वदर्शिता की ओर उन्मुखता संभव है


हमारे यहां का साहित्य बहुत बड़ा है जैसी जीवन जीने की शैली यह साहित्य बता देता है अन्य कहीं के साहित्य में नहीं है

शरीर को साधना अत्यन्त आवश्यक है

प्रातःकाल का जागरण अत्यन्त आवश्यक है शरीर शुद्धि भी आवश्यक है अपने खानपान पर भी ध्यान दें


फिर हम स्वावलम्बी हो जायेंगे हमारे यहां का भक्तिमार्ग भी स्वावलम्बन का ही मार्ग है शरीर से आत्म की यात्रा अध्यात्म है 

अध्यात्म निष्क्रियता नहीं है संसार से विमुखता नहीं है


आचार्य जी ने पुनः दोहराया कि शौर्यप्रमण्डित अध्यात्म महत्त्वपूर्ण है