प्रस्तुत है दर्शयितृ आचार्य श्री ओम शंकर जी का आज दिनांक 18 अप्रैल 2022
का सदाचार संप्रेषण
https://sadachar.yugbharti.in/
https://youtu.be/YzZRHAHbK1w
स्थान :उन्नाव
सदाचार संप्रेषण का उद्देश्य है कि हमारे अन्दर सत् आचरण का प्रवेश हो
वासनोन्मुख इंद्रियां निरंतर गमन करती रहती हैं, उनकी इस गति को अपने अंदर ही लौटाकर मन में समाहित करना प्रत्याहार है। जिस प्रकार कच्छप अपने अंगों को समेट लेता हैं उसी प्रकार इंद्रियों को घातक वासनाओं से विमुख करने का प्रयास ही प्रत्याहार है।
यम नियम आसन प्राणायाम को साधने से प्रत्याहार अपने आप सध जाता है और इससे हमारे ऊर्जा के स्तर में वृद्धि हो जाती है
फिर हमारे पास शारीरिक और मानसिक रोग फटकते तक नहीं
हम इस ओर भी ध्यान दें कि हमारी परिस्थिति हमारे परिवेश के आधार पर हमारी संस्कृति हमारी सभ्यता का विकास हो
WhatsApp संदेश बाह्य दर्शन पर आधारित होते हैं अतः सीमित रूप से ही विचारों का प्रसार करें, अधिकता से मानसिक क्षमताओं का क्षरण होता है
परिवार में पड़ोस में साथियों से सहयोगियों से प्रत्यक्ष संबन्धों की ओर ध्यान दें
ॐ सहनाववतु सहनौभुनक्तु सहवीर्यं करवावहै, तेजस्विना वधीतमस्तु मा विद्विषावहै। ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः।
इस औपनिषदिक सिद्धान्त का परिपालन आज से ही करें
समय समय पर एक दूसरे का सहयोग करें केवल विचार न करें व्यवहार भी करें हम लोगों की कर्मशीलता से समाज प्रभावित होगा
आचार्य जी भैया वीरेन्द्र त्रिपाठी जी और भैया शुभेन्द्र जी की चित्रकूट यात्रा से हम किस प्रकार लाभान्वित हो सकते हैं इसके लिये आप लोगों से संपर्क करें