सोइ जानइ जेहि देहु जनाई। जानत तुम्हहि तुम्हइ होइ जाई॥
तुम्हरिहि कृपाँ तुम्हहि रघुनंदन। जानहिं भगत भगत उर चंदन॥2॥
.प्रस्तुत है कुटप आचार्य श्री ओम शंकर जी का आज दिनांक 6अप्रैल 2022
का सदाचार संप्रेषण
https://sadachar.yugbharti.in/
https://youtu.be/YzZRHAHbK1है
शरीर केवल एक नहीं है जो हम धारण किये हुए हैं इसके भीतर दो और शरीर हैं सूक्ष्म और कारण
और इन तीनों का सामञ्जस्य बैठाना बहुत कठिन है हमें कई तरह की परीक्षाओं से गुजरना होता है इनमें उत्तीर्ण होना दम्भ का कारण नहीं बनना चाहिये
हमें ज्ञानी,समाजसेवी,ध्यानी, विचारक,योगी,लेखक,अभियन्ता , उद्योगपति आदि होने का दम्भ नहीं करना चाहिये
हम कुछ नहीं हैं हम तो किसी की निर्मिति हैं
एक गीत है
ज़िन्दगी एक नाटक है
हम नाटक में काम करते है
पर्दा उठते ही पर्दा गिरते ही
सबको सलाम करते है
इन भावों के साथ हमें संसार में रहने का सलीका आना चाहिये
ये भाव हमें शक्ति देते हैं
संकटों में हमें जप करना चाहिये
संकट कटै मिटै सब पीरा,जो सुमिरै हनुमत बलबीरा
हमारा मन भक्ति में रमे यह विश्वास की पराकाष्ठा है
आज हम लोगों के गांव सरौंहां में परंपरागत मेला है जिसमें आल्हा सम्राट स्वर्गीय लल्लू बाजपेई जी की शिष्या बहन शीलू राजपूत आल्हा गायन करेंगी शाम को दीपोत्सव होगा जिसमें राष्ट्र को सशक्त समर्थ बनाने हेतु और आसुरी शक्तियों के नाश हेतु आहुतियां प्रदान की जाएंगी।
मुख्य अतिथियों के रूप में सफीपुर विधानसभा, मोहान विधानसभा और बांगरमऊ विधानसभा के विधायक उपस्थित रहेंगे
आप लोग सादर आमन्त्रित हैं