दुर्गति नाशिनी दुर्गा जय जय,
काल विनाशिनी काली जय जय ।
प्रस्तुत है परार्थघटक आचार्य श्री ओम शंकर जी का आज दिनांक 9 अप्रैल 2022
का सदाचार संप्रेषण
https://sadachar.yugbharti.in/
https://youtu.be/YzZRHAHbK1भि
कल भैया विजय मित्तल जी ने आचार्य जी को सूचित किया कि NOIDA में दिल्ली युगभारती का एक कार्यक्रम नवरात्रि पर होने जा रहा है
संयम और शक्ति के प्रतीक दोनों नवरात्र शारदीय और बासन्ती हमारे जीवन में बहुत महत्त्व रखते हैं
यह विश्व भर में अन्यत्र न मिलने वाला जीवनदर्शन है
व्रत के साथ पर्व संयुत है इस दुर्गाष्टमी पर हमें संकल्पसिद्ध और संकल्पबद्ध होना चाहिये
वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः
साध्य को समझाते हुए आचार्य जी ने कहा कि हम अपना संकल्प न भूलें तब हमारा जीवन आदर्श जीवन होगा
सामाजिकता से हमारे उत्साह में भी वृद्धि होती है
हमारा महापुरुषत्व जाग्रत हो जाता है
आत्मसंतोष सबसे बड़ा धन है जो केवल इस चिन्ता में रहते हैं कि अखबारों में उनका नाम आये लोग उनके पीछे पीछे दौड़ें वो अपना खजाना खाली कर रहे हैं उनका
संयम,स्वाध्याय,श्रद्धा, निष्ठा, परिश्रम शिथिल होता जायेगा
दुर्गाष्टमी पर संकल्प लें कि हम अपने सदगुणों का कोश खाली नहीं करेंगे
हमारे सूक्ष्म शरीर की तात्त्विक शक्तियां उत्फ़ुल्ल रहें इसका प्रयास करें
दृष्टि सुस्पष्ट रखें