प्रस्तुत है धीर आचार्य श्री ओम शंकर जी का आज दिनांक 16 मई 2022
का सदाचार संप्रेषण
https://sadachar.yugbharti.in/
https://youtu.be/YzZRHAHbK1w
जैसी परिस्थिति हो हमें वैसा व्यवहार करना चाहिये हमारे सामने जैसा परिदृश्य उपस्थित हो उसी के अनुसार हमारा कर्म होना चाहिये
संकट में हमें अपना धैर्य नहीं खोना चाहिये
नास्त्यधृतेरैहिकमुष्मिकम्
जो व्यक्ति धैर्यवान नहीं है, उसका न तो वर्तमान है और न ही भविष्य।
धैर्य रखकर संकट से निकलने का रास्ता खुद ब खुद सामने आ जाता है
कबिरा धीरज के धरे, हाथी मन भर खाय।
टूक एक के कारने, स्वान घरै घर जाय॥
हम किसी भी समस्या पर दृष्टिपात करें उसका हल मनुष्य के ही पास है और किसी के पास नहीं समस्या चाहे विश्व की हो राष्ट्र की हो समाज की हो परिवार की हो या व्यक्तिगत हो
लेकिन मनुष्य वही जो मनुष्यत्व का अनुभव कर रहा हो
कथनी और करनी में अन्तर न रखे
पूर्ण मनुष्यत्व यानि महामानवता बहुत कठिन है
लेकिन उसकी सीढ़ियों पर हम लोगों को चढ़ते रहना चाहिये
बड़े भाईसाहब आदरणीय श्री राम शंकर त्रिपाठी जी आज स्नानागार में गिर गये थे इसके बाद भी आचार्य जी ने आज सदाचार संप्रेषण का क्रम नहीं टूटने दिया यह हम लोगों का सौभाग्य है हमें इसका महत्त्व समझना चाहिये