22.5.22

आचार्य श्री ओम शंकर जी का आज दिनांक 22 मई 2022 का सदाचार संप्रेषण

 ऊषा सुनहले तीर बरसती,

जयलक्ष्मी-सी उदित हुई।

उधर पराजित काल रात्रि भी

जल में अतंर्निहित हुई।


वह विवर्ण मुख त्रस्त प्रकृति का,

आज लगा हँसने फिर से।

वर्षा बीती, हुआ सृष्टि में,

शरद-विकास नये सिर से।



प्रस्तुत है  तैतिक्ष आचार्य श्री ओम शंकर जी का आज दिनांक 22 मई 2022

  का  सदाचार संप्रेषण 




https://sadachar.yugbharti.in/


https://youtu.be/YzZRHAHbK1w


यह हम लोगों का सौभाग्य है कि वर्तमान समय में भी इन सदाचार संप्रेषणों के माध्यम से आचार्य जी अध्यापनरत शिक्षक की भांति हम लोगों का मार्गदर्शन कर रहे हैं


कल हम लोगों के विद्यालय पं दीनदयाल उपाध्याय सनातन धर्म विद्यालय की स्थापना के पचास वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में आयोजित हुए पूर्व छात्र सम्मेलन में सम्मिलित सभी लोगों को अत्यन्त हर्ष और आनन्द का अवर्णनीय अनुभव हुआ


हम यदि शक्तिसंपन्न मेधासंपन्न भावनासंपन्न हैं तो हमारी ओर सभी लोग आकर्षित होंगे और इसी कारण युग भारती के प्रति  लोगों का आकर्षण बढ़ रहा है


कल के कार्यक्रम में किसी कारणवश बैरिस्टर साहब की परम्परा को चलाने वाले श्री वीरेन्द्रजीत सिंह जी अनुपस्थित रहे जो आचार्य जी की तरह उस समय के पथिक हैं जब विद्यालय की नींव रखी गई थी


मुख्य अतिथि क्रोएशिया में भारतीय राजदूत भैया राज कुमार श्रीवास्तव (युग भारती 1989 बैच ) ने बताया कि 2014 के बाद से विदेशों में भारत की छवि बदली है  अद्वितीय भारतीय संस्कृति के विचार संपूर्ण विश्व को आच्छादित कर रहे हैं


हम भारत माता के सपूत संपूर्ण भारत का प्रतिनिधित्व करते हैं हमारी वाणी भारत की वाणी है हमारा व्यवहार आचरण भारत का व्यवहार आचरण है यह यदि हमारे मन मानस में सदैव कौंधता रहेगा तो हम विश्रंखलित नहीं होंगे विभ्रमित नहीं होंगे न ही नैराश्य धारण करेंगे परिस्थिति कैसी भी आये


वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः को ध्यान में रखते हुए हम अपने कदम  बढ़ाते  चलें



ये जिंदगी है देश की देश पर लुटाए जा