24.5.22

आचार्य श्री ओम शंकर जी का दिनांक 24 मई 2022 का सदाचार संप्रेषण

 ग्रामे ग्रामे स्थितो देवो देशे देशे स्थितो मखः।

गेहे गेहे स्थितं द्रव्यं धर्मश्चैव जने जने।। भविष्य पुराण प्रतिसर्ग पर्व


प्रस्तुत है  भूयोविद्य आचार्य श्री ओम शंकर जी का आज दिनांक 24 मई 2022

  का  सदाचार संप्रेषण 




https://sadachar.yugbharti.in/


https://youtu.be/YzZRHAHbK1w

यदि हम चिन्तन की गहराइयों में उतरें तो ईश्वर की बहुत सी आश्चर्यजनक अद्भुत लीलाएं देखने को मिल जायेंगी

और इससे बड़ा आश्चर्य क्या कि 


अहन्यहनि भूतानि गच्छन्ति यममन्दिरम् |

शेषा जीवितुमिच्छन्ति किमाश्चर्यमतः परम् ||


कहीं कहीं


अहन्यहनि भूतानि गच्छन्तीह यमालयम् ।

शेषाः स्थावरमिच्छन्ति किमाश्चर्यमतः परम्।।१६।।


प्रतिदिन कितने ही मनुष्य यम मंदिर  जाते हैं अर्थात् मृत्यु को प्राप्त होते हैं यह देखने के बाद भी शेष मनुष्य सदैव जीवित रहना चाहते हैं| यह तो सबसे बड़ा आश्चर्य है|


पानी केरा बुदबुदा अस मानस की जात

एक दिना छिप जायेगा ज्यों तारा परभात


अशोक जी ने आचार्य जी से विद्यालय में मात्र दो तीन वर्ष रुकने के लिये कहा था और आचार्य जी 38 वर्ष तक विद्यालय में रहे इस विश्वास के साथ कि हम लोगों के माध्यम से राष्ट्र का कार्य कर सकेंगे


दीनदयाल जी अशोक सिंघल जी रज्जू भैया जी जिस तरह जीवनपर्यन्त राष्ट्र -सेवा करते रहे उनसे प्रेरित होकर हम भी

राष्ट्र के लिये कार्य करते रहें इसके लिये दोषरहित विकाररहित प्रखर बुद्धि, उत्कृष्ट विचारों गहन भावों से संपन्न राष्ट्र -सेवा के लिये सदैव तत्पर रहने वाले स्वयंसेवक आचार्य जी इस समय भी प्रयासरत हैं

वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः


संपूर्ण युग को अपनी सेवा सहायता से संपोषित संवर्धित और संस्कारित करने वाली युग भारती के मुख्य संरक्षक

आचार्य जी आज भी 

ON DUTY हैं ताकि हम

समाज सेवा के लिये उत्साहित उद्वेलित आंदोलित उद्यत बने रहें

इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने रज्जू भैया प्रेम भूषण जी ईश्वर जी से संबन्धित कौन सा प्रसंग सुनाया पासंग क्या होता है भारती के क्या क्या अर्थ हैं बढ़ई से कौन कांपता है भैया मनीष कृष्णा के किस विशिष्ट गुण का आचार्य जी ने उल्लेख किया आदि जानने के लिये सुनें