11.6.22

आचार्य श्री ओम शंकर जी का दिनांक 11 जून 2022 का सदाचार संप्रेषण

 अग्रत: चतुरो वेदा: पृष्ठत: सशरं धनु: ।

इदं ब्राह्मं इदं क्षात्रं शापादपि शरादपि ।।


प्रस्तुत है पुंनाग आचार्य श्री ओम शंकर जी का आज दिनांक 11 जून 2022

  का  सदाचार संप्रेषण 




https://sadachar.yugbharti.in/


https://youtu.be/YzZRHAHbK1w


इन सदाचार संप्रेषणों से हमें तात्त्विक,ज्ञान से ओत प्रोत, प्रखर महत्त्वपूर्ण विषय मिलते रहते हैं और इसका कारण है आचार्य जी का भाषा में आबद्ध बहुत लम्बे समय का अनुभव


कल प्रयागराज, रांची, देवबन्द, हाथरस आदि में हुए उपद्रवों का उल्लेख करते हुए आचार्य जी ने बताया कि इस समय टी वी चैनल वास्तविकता न दिखाकर टी आर पी रेटिंग्स की ओर ध्यान दे रहे हैं मीडिया खतरनाक नियन्त्रित  अभिव्यक्तियों का बहुत बड़ा मार्केट बनता जा रहा है


देशद्रोही उपद्रवियों को केवल उपद्रव करने में ही मजा आता है संपूर्ण विश्व में देवासुर संग्राम चल रहा है सुरों और असुरों का संघर्ष तो चलेगा ही


हम सुर स्वरूप व्यक्ति अपने दैवीय गुणों के विकास में संलग्न होवें भगवान् विष्णु सुरों के आदर्श हैं उनमें सारी शक्तियां निहित हैं वे पालन भी करते हैं नाश भी करते हैं हमारे यहां का चिन्तन सृष्टि का वास्तविक स्वरूप है


चिन्तन मनन के साथ संगठन महत्त्वपूर्ण है स्थान स्थान पर शक्ति-केन्द्र स्थापित करने की आवश्यकता है


और यह आत्मविश्वास हमारे अन्दर होना चाहिये कि उस शक्ति -केन्द्र से समस्याओं का समाधान हम आसानी से कर लेंगे


केवल अपना विचार डालकर संतुष्ट होकर हाथ पर हाथ रखकर न बैठें

तूफान के रुख को भांपना चाहिये

शास्त्र और शस्त्र दोनों के हम अनुयायी हैं

हम निश्चित रूप से विजयी होंगे इस विजय यज्ञ में अपनी आहुति भी डालें यह कैसे करें इस पर भी चिन्तन करें


हमारे अन्दर इतनी क्षमता होनी ही चाहिये कि हम किसी भी परिस्थिति का सामना कर सकें