20.6.22

आचार्य श्री ओम शंकर जी का दिनांक 20 जून 2022 का सदाचार संप्रेषण

 प्रस्तुत है जागरूक आचार्य श्री ओम शंकर जी का आज दिनांक 20 जून 2022

  का  सदाचार संप्रेषण 



 

https://sadachar.yugbharti.in/


https://youtu.be/YzZRHAHbK1w


इस समय उथल पुथल का दौर चल रहा है और इतनी संतुष्टि ही पर्याप्त नहीं है कि इस समय भारत का नेतृत्व माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के हाथों में है हमें भी सक्रिय होना है 

गम्भीर विषयों की ओर हमें और अधिक सक्रिय होना है हम लोग समस्याओं का हल  ढूँढ लेते हैं


इन सदाचार संप्रेषणों के विचार हम लोगों को राष्ट्र के प्रति निष्ठावान बनाते हैं हमें अपनी संस्कृति की महानता दिखती है


हमारा कर्तव्य है कि हम देशभक्त बनें कर्मयोद्धा बनें


जिन लोगों से हम लोगों का संघर्ष है वो अधिक सक्रियता दिखा रहे हैं और स्थान स्थान पर सक्रिय हैं हम लोगों के सरौंहां गांव में एक घर में मदरसा खुल गया है जो गम्भीर चिन्ता का विषय है


TO NIP EVIL IN THE BUD  का महत्त्व समझते हुए हम इस ओर ध्यान दें



यह अविश्वास का अंधकार है आत्मदीप हो जाओ

युगचारण जागो कसो कमर फिर से भैरवी सुनाओ


अपने दर्द मैं दुलरा रहा हूं  की यह पंक्तियां हमें जगाने के लिये पर्याप्त हैं हमारे दिमागों में जो अंधेरा छाया है उसे दूर करना जरूरी है


आ गई मसानी नींद जगाऊं कैसे

मदहोश झूमते सभी एक ही जैसे

स्वार्थी बिसातों पर छल के पासे हैं

अपनों के व्यवहारों में ही झांसे हैं



हम सब लोगों को जागना होगा  एक विचारशील व्यक्ति जब देखता है कि उसके अनुकूल कार्य नहीं हो रहे तो वह आत्मस्थ होने का प्रयास करता है ऐसी ही आत्मस्थता तपस्वियों के मन में भी हो गई जो भ्रमित विकृत मार्ग से भटके राजाओं बाहर से हो रहे हमलों को देखकर आत्मस्थ हो गये


साहित्य में भक्तियोग का प्रवेश हो गया और अध्यात्म एकांतवासी हो गया

लेकिन भारतवर्ष को बचाने के लिये हिमालय की गहन कन्दराओं में एक तपोमंडल है लेकिन उस तपोमंडल की तपस्या हम लोगों को जगाने के लिये पर्याप्त नहीं हो पा रही इसीलिये हम सब को स्वयं जागना होगा