18.7.22

आचार्य श्री ओम शंकर जी का दिनांक 18 जुलाई 2022 का सदाचार संप्रेषण

 संत बिसुद्ध मिलहिं परि तेही। चितवहिं राम कृपा करि जेही॥

राम कपाँ तव दरसन भयऊ। तव प्रसाद सब संसय गयऊ॥4॥


प्रस्तुत है  शम्भु आचार्य श्री ओम शंकर जी का आज दिनांक 18 जुलाई 2022

 का  सदाचार संप्रेषण 


 

 

https://sadachar.yugbharti.in/


https://youtu.be/YzZRHAHbK1w

समीक्षा क्रम सं 354


खगराज गरुड़जी भगवान् विष्णु के पार्षद हैं और विष्णु का स्वरूप लेकर ही भगवान् राम आये हैं  भगवान् अवतारी हैं इसलिये इनकी स्मृतियां विलीन नहीं होती संसार की लीला में अपने को व्यस्त रखते समय वे अपने को विस्मृत रखते हैं

उत्तरकांड में प्रसंग है 

राम और लक्ष्मण नागपाश में बंधे हैं 

खगराज गरुड़जी उन नागों को खा जाते हैं उन्हें मोह हो जाता है


बोलेउ काकभुसुंड बहोरी। नभग नाथ पर प्रीति न थोरी॥

सब बिधि नाथ पूज्य तुम्ह मेरे। कृपापात्र रघुनायक केरे॥1॥


तुम्हहि न संसय मोह न माया। मो पर नाथ कीन्हि तुम्ह दाया॥

पठइ मोह मिस खगपति तोही। रघुपति दीन्हि बड़ाई मोही॥2॥


तुम्ह निज मोह कही खग साईं। सो नहिं कछु आचरज गोसाईं॥

नारद भव बिरंचि सनकादी। जे मुनिनायक आतमबादी॥3॥


मोह न अंध कीन्ह केहि केही। को जग काम नचाव नजेही॥

तृस्नाँ केहि न कीन्ह बौराहा। केहि कर हृदय क्रोध नहिं दाहा॥4॥

खगराज को समझाया जा रहा है


ग्यानी तापस सूर कबि कोबिद गुन आगार।

केहि कै लोभ बिडंबना कीन्हि न एहिं संसार॥ 70 क॥


इस संसार में ऐसा कौन सा ज्ञानी, तपस्वी, शूरवीर, कवि, विद्वान् और गुणों का आगार है, जिसकी लोभ द्वारा  मिट्टी पलीद न की गई हो


श्री मद बक्र न कीन्ह केहि प्रभुता बधिर न काहि।

मृगलोचनि के नैन सर को अस लाग न जाहि॥ 70 ख॥



लक्ष्मी के मद ने किसको टेढ़ा न किया हो,प्रभुता ने किसको बहरा नहीं करा हो ऐसा कौन है जिसे युवती  के नेत्र बाण न लगे हों

ब्यापि रहेउ संसार महुँ माया कटक प्रचंड।

सेनापति कामादि भट दंभ कपट पाषंड॥ 71 क॥


सो दासी रघुबीर कै समुझें मिथ्या सोपि।

छूट न राम कृपा बिनु नाथ कहउँ पद रोपि॥ 71 ख॥



भक्ति अद्भुत है विश्वास की पराकाष्ठा ही भक्ति है

चाहे वह देशभक्ति हो कर्मभक्ति हो भावभक्ति हो या अन्य कोई भक्ति हो लेकिन वह सिद्ध होनी चाहिये

हम देशभक्ति का आधार लेकर अपने कर्म करते हैं देश हित देखते हैं समाज हित देखते हैं

यह विचार और व्यवहार सदैव बना रहे इन सदाचार संप्रेषणों का मूल उद्देश्य यही है


इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने कल संपन्न हुए कार्यक्रम की चर्चा की


सरस्वती विद्या मंदिर इंटर कालेज, उन्नाव में मेधावी छात्र और छात्राओं के सम्मान समारोह में मुख्य अतिथि भैया राहुल मिठास जी थे।

विशिष्ट अतिथि उन्नाव के ही पुलिस अधीक्षक श्री शशि शेखर जी थे। भैया डा अमित गुप्त जी भी उपस्थित थे विद्यालय के 

संस्थापक  माननीय श्री राम शंकर जी ने सभी को आशीर्वाद प्रदान किया।आचार्य श्री ओम शंकर जी की गरिमामयी उपस्थिति में कुल मिलाकर बहुत ही अच्छा कार्यक्रम संपन्न हो गया


आचार्य जी ने यह भी बताया कि आयुर्वेद का भविष्य उज्ज्वल है

हम सद्गुणों का संग्रह करते चलें ये सद्गुण समय पर बहुत काम देते हैं


आज आचार्य जी कानपुर क्यों आ रहे हैं जानने के लिये सुनें