प्रस्तुत है प्रयत आचार्य श्री ओम शंकर जी का आज दिनांक 29 जुलाई 2022
का सदाचार संप्रेषण
https://sadachar.yugbharti.in/
https://youtu.be/YzZRHAHbK1w
समीक्षा क्रम सं 365
(आज एक वर्ष पूर्ण )
जीवन में अत्यधिक कठिन परिस्थितियों को भी हल कर सकने का विश्वास ही हमारी सकारात्मक सोच है। कठिन दौर में भी हिम्मत हौसला बनाए रखना हमारी सकारात्मक सोच की शक्ति है। हम किसी काम को जितनी सकारात्मकता से करेंगे काम उतना ही सफल होगा। जीवन की विषम परिस्थितियों में नकारात्मक सोच से अनेक व्यक्ति अपना मानसिक संतुलन खोकर अपना बहुत बड़ा नुकसान कर बैठते हैं। आज तक के सभी सफल व्यक्तियों की सफलता का राज कहीं न कहीं उनकी सकारात्मक सोच है। यह स्वास्थ्य की कुञ्जी भी है। इसी सोच के चलते सकारात्मक वायुमण्डल उत्पन्न होता है
हम राष्ट्रभक्तों को अखंड भारत के लिये सकारात्मक सोच रखनी चाहिये
मात्र उपदेश देने के स्थान पर जो मनुष्य सात्विक भोजन करते हैं प्रातःकाल जल्दी जागते हैं शौर्यमय आध्यात्मिक जीवन जीते हैं वे विशिष्ट होते हैं
मनुष्य अपने COMFORT ZONE से बाहर न निकलने के कारण बहुत से अच्छे विचारों को (जैसे भारत का सच्चा इतिहास लिखना चाहिये शिक्षा में परिवर्तन होना चाहिये आदि ) व्यवहार में नहीं बदल पाता
प्रयासपूर्वक अपना शरीर ठीक रखने पर हम चिन्तनोन्मुख होते हैं अन्यथा उसी की चिन्ता में अपना समय व्यर्थ कर देते हैं
इन सब विषयों को तात्विक रूप से चिन्तन करते हुए गीता और मानस पर बहुत से लोगों ने अध्ययन और लेखन किया है
गीता रहस्य में बाल गङ्गाधर तिलक जी ने कहा है कि गीता कर्मसिद्धान्त का एक आदर्श ग्रन्थ है बिना कर्म के हम रह नहीं सकते
गीता उपनिषदों का सारतत्व है
कठोपनिषद् से
उत्तिष्ठत जाग्रत प्राप्य वरान्निबोधत ।
क्षुरस्य धारा निशिता दुरत्यया दुर्गं पथस्तत्कवयो वदन्ति ।।
(कठोपनिषद्, अध्याय १, वल्ली ३, मंत्र १४)
अर्थ - उठो, जागो, और जानकार श्रेष्ठ पुरुषों के सान्निध्य में ज्ञान प्राप्त करो । विद्वान् मनीषी जनों का कहना है कि ज्ञान प्राप्ति का मार्ग उसी प्रकार दुर्गम है जिस प्रकार छुरी की पैनी धार पर चलना ।
हमारा लक्ष्य है कि समस्याएं न रहें
गीता और मानस का अध्ययन करते समय हमें यह अनुभूति भी होती रहे तो हमें अपना लक्ष्य दिखाई देता रहेगा
आज के उथल पुथल के दौर में कुछ पत्रकार अच्छा काम कर रहे हैं जैसे संजय दीक्षित, तुफैल चतुर्वेदी, नीरज अत्री, प्रदीप सिंह, ओंकार चौधरी, मनीष ठाकुर आदि
सांसारिक समस्याओं से चिन्तित न रहें इसलिये परमात्माश्रित होकर सारे कार्य करें दैनिक साप्ताहिक मासिक वार्षिक लक्ष्य जीवन का लक्ष्य बनायें