प्रस्तुत है कालुष्यारि आचार्य श्री ओम शंकर जी का आज दिनांक 3 जुलाई 2022
का सदाचार संप्रेषण
https://sadachar.yugbharti.in/
https://youtu.be/YzZRHAHbK1w
समय बहुत गम्भीर है इसलिये ऐसे गम्भीर समय में गम्भीर चिन्तन होना चाहिये चिन्तन के बाद एक्शन (action )भी होना चाहिये
मूल विषय से भटकने के कारण जितना प्रभाव दिखना चाहिये उतना नहीं दिख रहा
इसलिये इधर उधर की बातें न कर मूल विषय पर चिन्तन आवश्यक है यह सच है कि हर मनुष्य को उसके लिये की गई श्लाघा अच्छी लगती है लेकिन गम्भीर समय में हम अपने को एक ही लक्ष्य पर केन्द्रित करें
जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जमशेद बरजोर पारदीवाला की घातक टिप्पणी भारतीय जीवनदर्शन में विश्वास करने वालों को आहत कर गई इसमें पूर्वाग्रह से ग्रसित कुण्ठित मानसिकता साफ झलक रही है
सीता राम गोयल (१६ अक्टूबर १९२१ - ३ दिसंबर २००३) जो एक राष्ट्रवादी लेखक, इतिहासकार और प्रकाशक थे ने अपने समाज के पराभव के पांच कारण गिनाए
इस्लामीकरण
साम्यवादी चिन्तन
मैकालेवादी शिक्षा व्यवस्था
ईसाइयत वाली जीवनशैली
और
तथाकथित आधुनिकीकरण
इस्लामीकरण का भयानक स्वरूप सामने होने पर भी हम आंख मूंदे बैठे हैं
हमें अपनी आंखे खोलनी होंगी
इधर विचार हो रहा
उधर प्रहार हो रहा ,
सितार शान्ति के स्वरों का
तार-तार हो रहा ।
समय नहीं है एक पल,
सुशान्ति हो रही विकल,
जवान तू निकल निकल,
न आएगा कभी ये कल।
व्यथा कि शौर्य ही भ्रमित श्रमित उदार हो रहा।१।
इधर विचार हो रहा........
कथा व्यथामयी हुई
उदग्रता छुईमुई ,
मनस् भ्रमांध हो गया
बिसास बीज बो गया
विरुद्ध पाठ दीनहीनता का भार ढो रहा ।२।
इधर विचार------
कभी भ्रमांध दम्भ में
कभी शिथिल प्रबंध में,
कि, ईर्ष्या की आग में
कभी भ्रमे विराग में ।
इसी भ्रमांधता में सत्व आत्मबोध खो रहा ।३।
इधर विचार-----
कि, रक्तबीज बढ़ रहे
सुपृष्ठ देख चढ़ रहे ,
लगा रहे हिसाब हम
बढ़ा रहे हैं वे कदम,
विकर्म क्षुद्र स्वार्थ के विषाक्त बीज बो रहा ।४।
इधर विचार----
समय नहीं विचार का
यही समय प्रहार का,
सभी उठें कमर कसें
कि, एक भाव में बसें ,
दिखेगा यह कि शौर्य शक्ति का उजास हो रहा ।५।
इधर विचार-----
(ओमशंकर त्रिपाठी)