19.8.22

आचार्य श्री ओम शंकर जी का दिनांक 19 अगस्त 2022 का सदाचार संप्रेषण

 प्रस्तुत है मोषारि आचार्य श्री ओम शंकर जी का आज दिनांक 19 अगस्त 2022

 का  सदाचार संप्रेषण 


 

 

https://sadachar.yugbharti.in/


https://youtu.be/YzZRHAHbK1w

सार -संक्षेप 2/21


जिस व्यक्ति के उदात्त विचार व्यवहार में परिलक्षित होने लगें तो समझना चाहिये कि मानव जीवन का प्राप्तव्य उसे मिल रहा है और यही दिखा भैया डा अमित गुप्त जी और  भैया डा मनीष वर्मा जी में, आप दोनों को दुर्गाप्रसाद विद्यानिकेतन गुजैनी कानपुर में मा राज्यपाल कलराज मिश्र जी द्वारा 23 अगस्त 2022 को दिया जाने वाला कानपुर विभूति रत्न -2022 सम्मान युगभारती के लिये गर्व का विषय है

इस सम्मान की सुरक्षा करते हुए आगे भी उन्हें और सम्मान मिलें ऐसी आशा है


सम्मान प्राप्त करने के बाद भी जीवन स्तर आगे बढ़ाने का प्रयास करना चाहिये जीवन शैली में बदलाव आवश्यक है सम्मानित जीवन जीने का अभ्यास करना चाहिये उनमें त्याग निर्वैर विराग राष्ट्रानुराग परिलक्षित हो जिससे समाज शिक्षा ले


श्री राम का अवतार और श्री कृष्ण का अवतार दोनों अत्यन्त अद्भुत हैं


रामनवमी  चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी को मनाई जाती है नौ का अंक पूर्णांक है नौ में किसी भी डिजिट का गुणा कर दें उसका डिजिटल रूट नौ ही रहता है आठ माया का अंक है

और जन्माष्टमी  भाद्र मास के कृष्‍ण पक्ष की अष्‍टमी को मनाने की परंपरा है।


कृष्ण घर घर में पूज्य हैं क्योंकि गम्भीर काली रात में भी जन्म लेने के बाद उन्होंने सूर्य का प्रकाश फैला दिया


परमात्मा प्रदर्शन करने का उत्साह देता है कहता है आप वही हो जो मैं हूं


हमारे यहां का अवतारवाद हमें बहुत शक्ति, पराक्रम,विश्वास,निडरता देता है विजय के लिये व्रत लेने का संकल्प देता है

अवतारी लोगों का जीवन हमें प्रेरणा देता है लेकिन इसके लिये हमें उनके जीवन का समीक्षात्मक दृष्टि से पठन श्रवण करना होगा

भागवतकथा कहने वाले कुछ   कथावाचक अनूठी एवं प्रभावित करने वाली शैली में प्रस्तुतीकरण करते हैं


भागवत और सूरसागर का दशम स्कंध हमें अवश्य  पढ़ना चाहिये


दशम भी महत्त्वपूर्ण है एक और शून्य को जोड़ें तो एक होता है यह तात्विक विषय है


अपने में सद्गुणों को  जोड़ना सीखें सद्गुणों को द्विगणित शतगुणित करना अलग विषय है व्यक्ति से व्यक्ति को संयुत करें तो स्वभाव बदलता है परम पूज्य हेडगेवार इसका उदाहरण हैं


वह भारत के महायज्ञ में समिधा रूप में समर्पित करके चला गया संघ अत्यन्त प्रभावशाली है

हिन्दू संपूर्ण विश्व को आत्मसात करने की क्षमता रखता है


कशाघात की किसे आवश्यकता है सचिन तेन्दुलकर का नाम क्यों लिया जानने के लिये सुनें