20.9.22

आचार्य श्री ओम शंकर जी का दिनांक 20 सितम्बर 2022 का सदाचार संप्रेषण

 प्रस्तुत है सहस्वत् आचार्य श्री ओम शंकर जी का आज दिनांक 20 सितम्बर 2022

 का  सदाचार संप्रेषण 


 

 

https://sadachar.yugbharti.in/


https://youtu.be/YzZRHAHbK1w

सार -संक्षेप 2/53


सहस्वत् =समर्थ

भावनाएं जब अभिव्यक्ति पा जाती हैं तो उस बात का संतोष निराला होता है और जिनकी भावनाएं अभिव्यक्ति नहीं पाती वो कुण्ठित होते हैं इसलिये अपनी भावनाएं अभिव्यक्ति पा जाएं इसके हमें मार्ग खोजने चाहिये 


अरण्य कांड में  ऋषि अत्रि (अर्थात् त्रिगुणातीत =सत रज तम से विमुक्त ) की पत्नी अनुसूया (जिसमें असूया अर्थात् ईर्ष्या डाह न हो ) (  प्रजापति कर्दम और देवहूति की नौ कन्याओं में से एक ) और   सीता का मिलन अति महत्त्वपूर्ण और शिक्षाप्रद है


अनुसुइया के पद गहि सीता। मिली बहोरि सुसील बिनीता॥

रिषिपतिनी मन सुख अधिकाई। आसिष देइ निकट बैठाई॥1॥


दिब्य बसन भूषन पहिराए। जे नित नूतन अमल सुहाए॥

कह रिषिबधू सरस मृदु बानी। नारिधर्म कछु ब्याज बखानी॥2॥

दिव्य शब्द बहुत अद्भुत है दिव्य में आध्यात्मिकता है दिव्य में दैवीस्वरूप आता है और इससे इतर भव्य शब्द है जिसमें भौतिकता है भौतिकता का हमारे यहां कभी उपासन नहीं हुआ 

दिव्यता उसमें होती है जिसमें मालिन्य, क्षरण, दोष, दूषण नहीं होता है जहां दिव्यता होती है वहां सब कुछ संभव है 

ऐसे दिव्य वस्त्र मां सीता को अनुसूया ने दिये


मन्दाकिनी नदी किसका प्रतिफल है इसको आचार्य जी ने विस्तारपूर्वक बताया हमारी परम्परा के जो भी स्वरूप हैं हमें उनपर विश्वास करना चाहिये उन पर हम राष्ट्रभक्तों का अविश्वास दुर्भाग्यपूर्ण है


हमें तो इस परम्परा की विश्वासपूर्वक पूजा करनी चाहिये ताकि इस सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा हो सके


आज कल स्त्री पुरुष का प्रतिस्पर्धात्मक जीवन हो गया है ज्यादा प्रतिस्पर्धा से विनाश होता है

सांख्य दर्शन में प्रकृति पुरुष का विस्तार से चिन्तन है

निर्विकल्प समाधि से उत्थित हुआ पुरुष स्वर के बाद प्रकृति की रचना करता है और फिर उस पर ही आश्रित हो जाता है

प्रकृति उसकी प्रेमिका है 


आचार्य जी ने पातिव्रत्य धर्म और CONTRACT में अन्तर बताया मां अनुसूया नारी धर्म को विस्तार से सीता को समझाती हैं


मातु पिता भ्राता हितकारी। मितप्रद सब सुनु राजकुमारी॥

अमित दानि भर्ता बयदेही। अधम सो नारि जो सेव न तेही॥3॥

पति आजीवन पत्नी का सहयोग करता है

इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने डा पंकज श्रीवास्तव जी की आज क्या बात बताई  श्रद्धा का निवेदन और शक्ति की उपासना क्या है जानने के लिये सुनें


YouTube (https://youtu.be/YzZRHAHbK1w)