10.10.22

आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का दिनांक 10 अक्टूबर 2022 का सदाचार संप्रेषण

 प्रस्तुत है शुक्षि -स्तम्भ आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज दिनांक 10 अक्टूबर 2022

 का  सदाचार संप्रेषण 


 

 

https://sadachar.yugbharti.in/


https://youtu.be/YzZRHAHbK1w

सार -संक्षेप 2/73

शुक्षि =प्रकाश 


कई बार विषम परिस्थितियों में इन सदाचार संप्रेषणों का प्रसारण होता है यह परमात्मा की कृपा है 


राम चरित मानस अद्भुत ग्रंथ है जो ज्ञान चिन्तन मनन ध्यान और अन्य भावों को एक साथ रख देता है


आचार्य जी परामर्श दे रहे हैं कि इसे अवश्य पढ़ें

इससे हमारे विचार परिष्कृत होंगे शान्ति मिलेगी संसार का भी ज्ञान होगा और संसारेतर तो होगा ही




एक ही व्यक्ति अर्थात् तुलसीदास में इतने सारे गुण आश्चर्य का विषय है



अब हम अरण्य कांड के समापन की ओर उन्मुख हैं


भाव जब किसी मुख्य सूत्र से समर्पित हो जाता है तो उसका सीधा सम्बन्ध हो जाता है यहीं भाव की प्रबलता परिलक्षित होती है भक्त का भगवान् से तादात्म्य स्थापित हो जाता है


भक्ति और भाव के माध्यम से भीलिनी निषाद भरत आदि का परमात्मा तक सीधा संपर्क सूत्र संयुत है


यह अद्भुत ज्ञान है

ज्ञान और भक्ति एक स्थान पर मिल जाते हैं और

भक्त विश्वासी  भी होते हैं



पंपा सरहि जाहु रघुराई। तहँ होइहि सुग्रीव मिताई॥

सो सब कहिहि देव रघुबीरा। जानतहूँ पूछहु मतिधीरा॥6॥



बार बार प्रभु पद सिरु नाई। प्रेम सहित सब कथा सुनाई॥7॥




कहि कथा सकल बिलोकि हरि मुख हृदय पद पंकज धरे।

तजि जोग पावक देह हरि पद लीन भइ जहँ नहिं फिरे॥

नर बिबिध कर्म अधर्म बहु मत सोकप्रद सब त्यागहू।

बिस्वास करि कह दास तुलसी राम पद अनुरागहू॥


सारा कथाप्रबन्ध कहकर भगवान के  दर्शन कर योगाग्नि से देह  त्याग कर शबरी वहां चली गई, जहाँ से लौटना नहीं होता। तुलसीदास  कहते हैं कि अनेक प्रकार के कर्म,  मत शोकप्रद हैं,

  इनका त्याग कर दो और विश्वासी बनते हुए  रामजी के चरणों में प्रेम करो।


चले राम त्यागा बन सोऊ। अतुलित बल नर केहरि दोऊ॥

बिरही इव प्रभु करत बिषादा। कहत कथा अनेक संबादा॥1॥

लछिमन देखु बिपिन कइ सोभा। देखत केहि कर मन नहिं छोभा॥


यह संसारी भाव है रोना गाना संसार का अद्भुत स्वरूप है



नारि सहित सब खग मृग बृंदा। मानहुँ मोरि करत हहिं निंदा॥2॥


हमहि देखि मृग निकर पराहीं। मृगीं कहहिं तुम्ह कहँ भय नाहीं॥

तुम्ह आनंद करहु मृग जाए। कंचन मृग खोजन ए आए॥3॥



इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने कल संपन्न हुए कार्यक्रम की चर्चा की


YouTube (https://youtu.be/YzZRHAHbK1w)