श्रोता बकता ग्याननिधि कथा राम कै गूढ़।
किमि समुझौं मैं जीव जड़ कलि मल ग्रसित बिमूढ़॥ 30(ख)॥
प्रस्तुत है यशस्य आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज दिनांक 14अक्टूबर 2022
का सदाचार संप्रेषण
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सार -संक्षेप 2/77
यशस्य = प्रसिद्ध
रम् धातु में घञ् प्रत्यय संयुत करने से रामः भाववाचक शब्द बनता है
रमन्ते योगिनः इति रामः
अर्थात् जो योगियों में रमते हैं वो राम हैं
राम तो उन सबमें रमते हैं जिनमें मनुष्यत्व है
मनुष्यत्व का अनुभव करने वाले मनुष्य को मिले भाव भाषा विचार परमात्मा के अद्भुत वरदान हैं
मनुष्यत्व की अनुभूति जितनी देर हो जाये जितने स्तर की हो उतना ही अवर्णनीय आनन्द उसे प्राप्त होगा
यह हमारा सौभाग्य है कि हमारा जन्म भारतवर्ष में हुआ है अखण्डानन्द जी(डा शान्तनु बिहारी द्विवेदी )के अनुसार भारत विश्व की राजधानी है
जिन मनीषियों तपस्वियों ने भारत में जन्म लिया उनकी तपस्या के परिणामस्वरूप परमात्मा यहां स्वयं अवतरित होता है
उसने राम और कृष्ण के रूप में लीलाएं करके राम को /कृष्ण को हमारा आदर्श बना दिया
हमारा सौभाग्य है कि ऐसे आदर्श राम की कथा का आचार्य जी अद्भुत वर्णन करते हैं
प्रभु तरु तर कपि डार पर ते किए आपु समान।
तुलसी कहूँ न राम से साहिब सील निधान॥ 29(क)॥
एहि बिधि निज गुन दोष कहि सबहि बहुरि सिरु नाइ।
बरनउँ रघुबर बिसद जसु सुनि कलि कलुष नसाइ॥ 29(ग)॥
जागबलिक जो कथा सुहाई। भरद्वाज मुनिबरहि सुनाई॥
कहिहउँ सोइ संबाद बखानी। सुनहुँ सकल सज्जन सुखु मानी॥
पुनि निज गुर सन सुनी कथा सो सूकरखेत।
समुझी नहिं तसि बालपन तब अति रहेउँ अचेत॥ 30(क)॥
तदपि कही गुर बारहिं बारा। समुझि परी कछु मति अनुसारा॥
भाषाबद्ध करबि मैं सोई। मोरें मन प्रबोध जेहिं होई॥
बुध बिश्राम सकल जन रंजनि। रामकथा कलि कलुष बिभंजनि॥
रामकथा कलि पंनग भरनी। पुनि बिबेक पावक कहुँ अरनी॥
आनन्द के लिये भक्ति का प्रवेश हमारे अन्दर होना चाहिये
जिनके विमल विचार होंगे वो इस कथा से आनन्दित होंगे
हम लोग काक कुक्कुट जीवनशैली त्यागकर आनन्द में रहने वाले मयूर और हंस का जीवन अपनाएं
रामकथा में मर्यादा भाव विचार जीवनशैली जीवन जीने के तरीके शक्ति शौर्य प्रेम आत्मीयता उचित समय पर उचित विधि से प्रयोग हुए हैं
हमें लगेगा कि रामकथा हमारी अपनी कथा है
रामत्व की अनुभूति करने पर विचार करें
इसके लिये ध्यान प्राणायाम सद्संगति स्वाध्याय आदि आवश्यक है
इसके अतिरिक्त गुरुत्व क्या है
विद्यालय में रामकथा कहना आचार्य जी ने किस कारण से शुरु किया जानने के लिये सुनें