13.12.22

आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का दिनांक 13 दिसंबर 2022 का सदाचार संप्रेषण

 जगदातमा प्रानपति रामा। तासु बिमुख किमि लह बिश्रामा॥


प्रस्तुत है बहुज्ञ आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज दिनांक 13 दिसंबर 2022 

 का  सदाचार संप्रेषण 


 

 

https://sadachar.yugbharti.in/


https://youtu.be/YzZRHAHbK1w

  502वां सार -संक्षेप


आचार्य जी प्रतिदिन हमारा मनोबल उत्थित करने का प्रयास करते हैं


मन तो मनुष्य के बन्धन और मोक्ष का कारण है मन गिरता है तो तन पीछे पीछे चल देता है

दीनदयाल विद्यालय को खोलने का उद्देश्य ही था कि हमारा मनोबल ऊंचा रहे

हम मनुष्यत्व की अनुभूति करें  दीपकत्व की अनुभूति कर प्रकाश फैलाएं 

विद्यालय से ऐसे  अनेक दीनदयाल निकलें जिनका उद्देश्य हो

राष्ट्रनिष्ठा से परिपूर्ण समजोन्मुखी व्यक्तित्व का उत्कर्ष


यही हमारा व्यवहार होना चाहिये

भूमि न छाँड़त कपि चरन देखत रिपु मद भाग।

कोटि बिघ्न ते संत कर मन जिमि नीति न त्याग॥ 34(ख)॥


पौरुष पराक्रम से पूर्ण   सत्  वाले और बहुत सी बिखरी हुई शक्तियों को संगठित करने का भाव रखने वाले संत का मन   बहुत से विघ्न आने पर भी नीति का त्याग नहीं करता


इसी संतत्व को धारण कर भगवान् राम कहते हैं

निसिचर हीन करउँ महि भुज उठाइ पन कीन्ह।

सकल मुनिन्ह के आश्रमन्हि जाइ जाइ सुख दीन्ह॥


वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः

शक्ति उपासना युगधर्म है

इसी रामत्व को धारण करने के लिये आइये चलते हैं राम चरित मानस के लंका कांड में


तुलसीदास जी ने राम चरित मानस में कथा के साथ एक उद्देश्य लेकर इतिहास भी संयुत किया है


भाव और कला पक्ष वाले अत्यधिक क्षमता वाले साहित्य की एक अनुपम कृति है मानस


रामत्व के साथ रावणत्व भी अस्तित्व में है रावण समस्या है राम समाधान हैं


जब हम समस्याओं में घिरते हैं तो समाधान खोजते हैं


कपि बल देखि सकल हियँ हारे। उठा आपु कपि कें परचारे॥

गहत चरन कह बालिकुमारा। मम पद गहें न तोर उबारा॥


अंगद का बल देखकर सब हृदय में हार गए। तब अंगद के ललकारने पर रावण खुद उठा।  वह अंगद का पैर पकड़ने लगा, तब  अंगद ने कहा - मेरा पैर पकड़ने से तेरा बचाव नहीं होगा



गहसि न राम चरन सठ जाई॥ सुनत फिरा मन अति सकुचाई॥

भयउ तेजहत श्री सब गई। मध्य दिवस जिमि ससि सोहई॥


सिंघासन बैठेउ सिर नाई। मानहुँ संपति सकल गँवाई॥

इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने बताया कि कल भैया उमेश्वर पाण्डेय जी के पिता जी इस संसार में नहीं रहे