9.1.23

आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का दिनांक 09-01- 2023 का सदाचार संप्रेषण

 उहाँ दसानन जागि करि करै लाग कछु जग्य।

राम बिरोध बिजय चह सठ हठ बस अति अग्य॥ 84॥




प्रस्तुत है चिरजीवी हनुमान जी की प्रेरणा से सुचक्षुस् ¹ आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज दिनांक 09-01- 2023 

 का  सदाचार संप्रेषण 


 

 

https://sadachar.yugbharti.in/


https://youtu.be/YzZRHAHbK1w

  *529 वां* सार -संक्षेप


¹ विवेकशील व्यक्ति


जो अपने साथ चार कदम भी चले हैं हमें अपने मन में उनकी स्मृति रखनी ही चाहिये

इन सदाचार संप्रेषणों से प्रेरणा लेकर हम लोग समाज के विकारों से मुक्त होने का प्रयास करते हैं और सत्कर्मों में लगने के लिये तत्पर होते हैं 


निष्ठा से अपने काम में लगे

 यश संपदा सुख की चाह न रखने वाले लेकिन प्रेम आत्मीयता  विश्वास के भूखे अपने राम स्वारथ जी कल प्रातः पांच बजे स्वर्ग सिधार गए। 

परमेश्वर के लीला-मंच का एक और पात्र अपना अभिनय पूरा कर  मंच से उतर गया।

हाल में हम लोग 25 दिसम्बर 2022 को रजत जयन्ती कार्यक्रम में उनसे मिले थे 

परम पिता उस परमार्थी को फिर से अपनाएँ,  आइये हम सब लोग अपनी भावाञ्जलि  अर्पित करें

ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः

लक्ष्मण जी भी इसी तरह यश सुख संपदा की चाह नहीं रखते थे वे साधना का आनन्द चाहते थे 

आइये चलते हैं लंका कांड में


साधना का आनन्द चाहने वाले 

साधक लक्ष्मण जी को स्वार्थ के यज्ञों में रत रावण की शक्ति लगी है 

अस कहि लछिमन कहुँ कपि ल्यायो। देखि दसानन बिसमय पायो॥

कह रघुबीर समुझु जियँ भ्राता। तुम्ह कृतांत भच्छक सुर त्राता॥


भगवान् राम का मार्ग कभी बाधित न हो  भगवान् राम में स्वार्थ देखने वाले लक्ष्मण जी ने सदैव इसका ध्यान रखा है

हमेशा समर्पण का भाव

कही जनक जसि अनुचित बानी। बिद्यमान रघुकुलमनि जानी॥

जनक की अनुचित वाणी पर उनका दिया गया जवाब अपने भाई राम जी के प्रति उनके समर्पण को दिखाता है


सात्विक शौर्य के उदाहरण भगवान् राम लक्ष्मण जी का मनोबल जगा रहे हैं 

ये शक्ति कुछ भी नहीं


सुनत बचन उठि बैठ कृपाला। गई गगन सो सकति कराला॥