श्रोता बकता ग्याननिधि कथा राम कै गूढ़।
किमि समुझौं मैं जीव जड़ कलि मल ग्रसित बिमूढ़॥ 30(ख)॥
प्रस्तुत है निष्ण ¹आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज
फाल्गुन शुक्ल सप्तमी विक्रम संवत् 2079
तदनुसार 26 -02- 2023
का सदाचार संप्रेषण
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577 वां सार -संक्षेप
1 = चतुर, विशेषज्ञ
स्थान :चित्रकूट
(यहां प्रभु राम लम्बे समय तक ऋषियों के बीच में रहे हैं और यहां के सारे संकटों को दूर किया है )
श्रोता बकता ग्याननिधि कथा राम कै गूढ़।
वह गूढ़ तत्व राम तत्व है जिसे तुलसीदास जी ने व्यक्त किया है
जो प्राणी परमात्म अंश की अनुभूति करते हैं वे सारे के सारे एक आदर्श जीवन की व्याख्या 'रामकथा' से अनुप्राणित हैं जो प्राणी अपने को मात्र जीव मानते हैं उनकी बात अलग है
ये भारतवर्ष को मात्र एक भूमि का टुकड़ा मानते हैं वे कहते हैं यह तो
भोगभूमि है
जो भावभूमि वाले हैं उनके लिये भारत मातृभूमि धर्मभूमि है
तुलसी द्वारा कराया गया परिवार बोध अद्वितीय है स्थान स्थान पर ऐसे प्रसंग हैं जहां इस परिवार के व्यवहारिक स्वरूप को उन्होंने चित्रित किया है
जब कि स्वयं तुलसी का परिवार कभी रहा नहीं
आइये चलते हैं शक्ति जाग्रत करने के लिये आत्मकल्याण के लिये राम तत्व की अनुभूति करते हुए उत्तर कांड में
महासंकट रावण को समाप्त कर पुष्पक विमान से प्रभु राम अयोध्या आ गये हैं
प्रभु राम मर्यादा पुरुषोत्तम आदर्श पुत्र आदर्श भाई आदर्श राजा भी हैं और हवि से जन्मे परमात्मा भी हैं
धाइ धरे गुर चरन सरोरुह। अनुज सहित अति पुलक तनोरुह॥
भेंटि कुसल बूझी मुनिराया। हमरें कुसल तुम्हारिहिं दाया
॥2॥
गुरु वशिष्ठजी ने उन्हें गले लगाकर कुशलक्षेम पूछा
प्रभु राम ने कहा- आपकी दया में ही हमारी कुशलता है
(आचार्य जी ने उर्मिला का
पातिव्रत्य विश्वास संबन्धी प्रसंग भी बताया)
अब भगवान् राम का राजतिलक होने जा रहा है
आचार्य जी ने यह भी बताया कि कैकेयी ने सामान्य जीवन किस प्रकार प्रारम्भ किया है
रामराज्य को तैयार करने में प्रभु राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न कैकेयी कौशल्या सुमित्रा सीता मांडवी उर्मिला श्रुतिकीर्ति हनुमान जी आदि का सहयोग रहा है
एक एक व्यक्ति स्वार्थ से दूर तपोनिष्ठ रहा है