29.3.23

आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का चैत्र शुक्ल पक्ष अष्टमी विक्रम संवत् 2080 तदनुसार 29-03- 2023 का सदाचार संप्रेषण

 अकेले में तभी आनन्द आता है 

मनस् का आत्म जब कुछ गुनगुनाता है, 

ये दुनिया सिर्फ भारी भीड़ लगती है 

मुखौटों और तिनकों से बुना इक नीड़ लगती है।

जीवन भी एक अनोखा संगम है

 जड़ लादे किन्तु स्वयं में एक जंगम है

मन की उड़ान आकाश छुआ करती 

तन की थकान कुछ और दुआ करती


तन मन का मेल कठिनता से होता

और यह मेल  प्रयाग त्रिवेणी का गोता



प्रस्तुत है आसक्तमानस् ¹ आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज 

चैत्र शुक्ल पक्ष अष्टमी विक्रम संवत्  2080 

तदनुसार 29-03- 2023

का  सदाचार संप्रेषण 

 

https://sadachar.yugbharti.in/


  608 वां सार -संक्षेप

1 =एकाग्र

भगवान राम अपने लक्ष्य को पाने के लिए निकल चुके हैं गंगा पार कर चुके हैं 


आगें रामु लखनु बने पाछें। तापस बेष बिराजत काछें॥

उभय बीच सिय सोहति कैसें। ब्रह्म जीव बिच माया जैसें॥1॥


संसार में हम जो कुछ देखते हैं वह सब माया है अर्थात् वास्तव में जो है ही नहीं

माया का अनुभव तो होता है लेकिन उसका अस्तित्व नहीं है काल्पनिक दुनिया वास्तविक लगती है

हमें कुछ ऐसा समय निकाल लेना चाहिए जिसमें हम अपना आत्मावलोकन कर सकें और यह देखें कि कहीं मन मस्तिष्क पर माया तो हावी नहीं हो रही  अत्मावलोकन करने पर महंगी महंगी कारें भी किसी संन्यासी को टीन के डिब्बे मात्र लगती थीं 

माया का यही भ्रम दुःखों का कारण है

अंशी और अंश के बीच में माया एक पर्दे की तरह है

लेकिन माया का यह भ्रम हटाना कठिन काम है

मंच पर अपना अभिनय मनोयोग पूर्वक करें लेकिन मंच से उतरते वेश भी उतार लें 

हम यदि यह चिन्ता ही न करें कि हमने क्या खोया क्या पाया तो यह आनन्द की अवस्था है अच्छाई और बुराई दोनों को त्याग देना आनन्द है



तन मन का मेल कठिनता से होता

और यह मेल  प्रयाग त्रिवेणी का गोता


जो न तरै भव सागर नर समाज अस पाइ।

सो कृत निंदक मंदमति आत्माहन गति जाइ॥44॥

श्री राम चरित मानस ऐसा ही एक साधन है जिसके उत्तरकांड में आजकल हम प्रविष्ट हैं

आगे

करहिं मोह बस नर अघ नाना। स्वारथ रत परलोक नसाना॥2॥


कालरूप तिन्ह कहँ मैं भ्राता। सुभ अरु असुभ कर्म फलदाता॥

अस बिचारि जे परम सयाने। भजहिं मोहि संसृत दु:ख जाने॥3॥

भाइयों को यह सब बताने के बाद भगवान् राम पुनः संसार में लग गए

इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने सुदर्शन पटनायक की चर्चा की

आज से श्री राम चरित मानस का अखंड पाठ भी अपने गांव में शुरु हो रहा है

उत्तरकांड में आगे आचार्य जी ने क्या बताया जानने के लिए सुनें