1.5.23

आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का 01- -05- 2023 का सदाचार संप्रेषण

 मनुष्य का शरीर एक ईश्वरीय यंत्र है 

जगत्पिता-प्रदत्त नित्य सिद्ध शक्तिमंत्र है l 


प्रस्तुत है  कुलन्धर आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज  01- -05- 2023

का  सदाचार संप्रेषण 

 

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  641  वां सार -संक्षेप



कल रात्रि एक दुःखद सूचना मिली कि युगभारती के मानद सदस्य   भैया सुनील सिंह जी (संदाना) अब हमारे बीच नहीं रहे।


भइया सुनील जी  अपने गांव सरौंहां के सभी कार्यक्रमों में प्रमुख सहयोगी थे और उनके दोनों पुत्र अनिकेत ( बैच 2020)और  पुष्कर वर्तमान में विद्यालय के छात्रावास में अध्ययनरत हैं ।


ईश्वर उनके परिवार को इस दुःख से लड़ने की शक्ति प्रदान करे

ईश्वर से प्रार्थना है कि उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे।

ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः



वास्तव में यह घटना दुःखद है  कष्टदायक है

संसार है इसमें बहुत कुछ झेलना पड़ता है


राम की अद्भुत माया है



नाथ इहाँ कछु कारन आना। सुनहु सो सावधान हरिजाना॥

ग्यान अखंड एक सीताबर। माया बस्य जीव सचराचर॥2॥


परबस जीव स्वबस भगवंता। जीव अनेक एक श्रीकंता॥

मुधा भेद जद्यपि कृत माया। बिनु हरि जाइ न कोटि उपाया॥4॥


हरिशंकर शर्मा जी की चर्चा करते हुए आचार्य जी ने बताया कि  एक दिन वे (शर्मा जी )आकर कहने लगे ज्ञान काम नहीं दे रहा है

जब संसार में ज्ञान काम नहीं देता तो व्यक्ति छटपटाता है और वह उपद्रव कर लेता है

लेकिन भक्ति काम देती है भगवान् के भक्त भगवान् पर विश्वास रखते हैं वो जानते हैं कि भगवान् उनके संकट दूर करेंगे ही वो ऐसा जघन्य अपराध  कभी नहीं करेंगे कि आत्महत्या जैसा कदम उठा लें