प्रस्तुत है अनादीनव ¹ आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज श्रावण कृष्ण पक्ष
चतुर्थी विक्रम संवत् 2080
तदनुसार 07-07- 2023
का सदाचार संप्रेषण
https://sadachar.yugbharti.in/
708वां सार -संक्षेप
1 :निर्दोष
हम युग भारती के सदस्यों का लक्ष्य है
राष्ट्र -निष्ठा से परिपूर्ण समाजोन्मुखी व्यक्तित्व का उत्कर्ष
राष्ट्र एक परम्परा है देश एक स्थान है जब परम्परा किसी देश से संयुत हो जाती है तब वह भारत माता हो जाती है
केवल भूमि का टुकड़ा नहीं
हम इस परम्परा के वाहक हैं इसीलिए राष्ट्र के प्रति निष्ठा अनिवार्य है
हम व्यक्ति नहीं व्यक्तित्व हैं
व्यक्तित्व का विकास समाज करता है अकेले तो हम बोलना भी नहीं सीख सकते
बलरामपुर वाले रामू का उदाहरण हमारे सामने है
समाज आवश्यक है समाज -ऋण की अनुभूति हमें अवश्य होनी चाहिए
समाजोन्मुखता के बिना हमारे व्यक्तित्व का अस्तित्व ही नहीं है
लेकिन हम तुच्छ हैं यह अनुभूति भी नहीं करनी चाहिए
श्रीरामचरित मानस की चर्चा में स्वान्तः सुखाय मानस लिखने वाले तुलसीदास जी अनिवार्य रूप से सामने आयेंगे वे मात्र कवि महात्मा कथावाचक विद्वान न होकर हमारे देश का नेतृत्व करने वाले समाज सुधारक थे राष्ट्र -निष्ठा से परिपूर्ण समाजोन्मुखी व्यक्तित्व का अद्वितीय उदाहरण
बहुत से पुराणों निगम आगम रामायण भागवत शास्त्रोक्त विधान इस राष्ट्र के आधार हैं और इन्हीं को इस ग्रंथ में सम्मिलित किया है
इस ग्रंथ का पाठ विलक्षण प्रभाव छोड़ता है बार बार इसका अध्ययन मनुष्य को मनुष्यत्व की अनुभूति कराता है दुश्चरित्र सुचरित्र पापी पुण्यात्मा दुर्जन सज्जन क्रोधी शान्त निर्दय दयालु नास्तिक आस्तिक हो जाता है
ऐसा है यह अद्भुत ग्रंथ
इसका पाठ अवश्य करें
इसके अतिरिक्त भैया अमित भैया पंकज भैया अशोक त्रिपाठी का नाम क्यों लिया
बोधायन का उल्लेख क्यों हुआ
रटी विद्या क्यों प्रभाव नहीं डालती
किसके झंकृत होने पर आनन्द की अनुभूति होती है
श्री राम चरित का यह मानस क्यों है
आदि जानने के लिए सुनें