17.7.23

आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का श्रावण कृष्ण पक्ष अमावस्या विक्रम संवत् 2080 तदनुसार 17-07- 2023 का सदाचार संप्रेषण

 प्रस्तुत है अध्यात्म-अजनि ¹ आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज श्रावण कृष्ण पक्ष अमावस्या विक्रम संवत् 2080

  तदनुसार 17-07- 2023


का  सदाचार संप्रेषण 

 

https://sadachar.yugbharti.in/


  718 वां सार -संक्षेप

1 : अजनिः =पथ


हमारे आसपास हमारे विचारों में जब तक संसार प्रविष्ट रहता है तब तक हम परेशान रहते हैं साधारण उपलब्धि में प्रसन्न हो जाते हैं



इन सदाचार वेलाओं के माध्यम से हम सांसारिक समस्याओं का समाधान प्राप्त करने का प्रयास करते हैं संसारेतर चिन्तन में रत होने का प्रयत्न करते हैं

संसार को विस्मृत करने की चेष्टा के साथ संसार के सार को ग्रहण करने के लिए हम अपनी संस्कृति अपनी परम्परा अपने साहित्य अपने तत्वचिन्तन को आधार बनाते हैं 

यह सदाचार का पाठ राष्ट्र, जिसकी पहचान है उसकी संस्कृति उसकी परम्परा उसका साहित्य उसका इतिहास,की सेवा में लगने का भाव स्फुरित होने का और विकसित होने का प्रयास है


हमें सात्विक चिन्तनशील विचारशील संयमी बनाने का प्रयास है हमारे उत्थान का प्रकल्प है शक्ति बुद्धि संयम स्वाध्याय को हमारे अन्दर समाहित करने का उपक्रम है


हमारे आदर्श हैं भगवान राम, भगवान कृष्ण, हनुमान

आचार्य जी प्रयास करते हैं कि हम परमात्म चिन्तन में रत हों क्योंकि परमात्मा तो अद्भुत है वह एक महान रचनाकार व्यवस्थाकार  निर्देशक लेखक है

हम तत्त्व ग्रहण करें मालिन्य का त्याग करें 


इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने कल सम्पन्न हुए कार्यक्रम की समीक्षा में क्या बताया हेडगेवार जी ने भगवा ध्वज की परिकल्पना क्यों की

प्रेमभूषण जी और सोनी जी की चर्चा क्यों हुई 

संगठन को सक्रिय करने के लिए क्या करना चाहिए 

किसी भी चिन्तनपरक कार्यक्रम में प्रश्नोत्तर के बाद क्या आवश्यक है जानने के लिए सुनें