14.8.23

आचार्य श्री ओम शङ्कर जी अधिक श्रावण मास कृष्ण पक्ष चतुर्दशी विक्रम संवत् 2080 तदनुसार 14 अगस्त 2023 का सदाचार संप्रेषण *746 वां*

 शपथ ली है हिमालय के शिखर पर शौर्य ने फिर से

 बजाई दुंदुभी जय की मुखर हो धैर्य ने फिर से

 सुनी भेरी विजय की मस्त 'लरकाना' हुआ फिर से

 जयस्वी हाँक से आश्वस्त 'ननकाना' हुआ फिर से 


लिया संकल्प छू माटी धरा गूँजी गगन गूँजा

लहू से कर विजय अभिषेक हिमगिरि भाल को पूजा

 अटल संकल्प है भारत अखण्डित अब पुनः होगा

 बना अवरोध जो भी राह में खण्डित पड़ा होगा l

(शौर्य -स्तवन )


प्रस्तुत है बलान्वित ¹ आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज अधिक श्रावण मास कृष्ण पक्ष चतुर्दशी विक्रम संवत् 2080  तदनुसार 14 अगस्त 2023 का  सदाचार संप्रेषण 

  *746 वां* सार -संक्षेप


 1: बलवान्


चिन्तन, मनन, अध्ययन, स्वाध्याय,स्मृति -वातायन, सद्संगति के आधार पर आचार्य जी

( *किस व्रत में है* *व्रती वीर* *यह*, *निद्रा का यों त्याग किये*

उत्तर है भारत का अखंड स्वरूप देखना जिसके लिए शौर्य प्रमंडित अध्यात्म महत्त्वपूर्ण है )

 नित्य हमें प्रेरित करते हैं और हम (  वीर-वंश की लाज यही है, फिर क्यों वीर न हो प्रहरी)  इन संप्रेषणों से लाभ भी प्राप्त कर रहे हैं यह समय समय पर हमारे द्वारा व्यक्त की गई टिप्पणियों से स्पष्ट भी हो जाता है

*व्यक्ति के व्यक्ति के साथ संपर्क /सम्बन्ध  में परस्पर का संवाद अत्यन्त महत्त्वपूर्ण है*


परस्पर संवाद कर हम एक दूसरे को उत्साहित कर सकते हैं यदि ऐसा नहीं भी होता तो भी संवादों का सृजन कर हम स्वयं अपने को उत्साहित कर सकते हैं


कोई पास न रहने पर भी, जन-मन मौन नहीं रहता;

आप आपकी सुनता है वह, आप आपसे है कहता।


भैया डा अजय कृष्ण द्विवेदी आज अपने विभाग में भारत का विभाजन  त्रासदी दिवस कार्यक्रम द्वारा भारत के विभाजन का स्मरण करेंगे



भारत का विभाजन हम सबको व्यथित कर देता है विभाजन के समय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ गांव गांव में जागरूकता फैलाने का काम कर रहा था लोगों को बता रहा था कि देश स्वतन्त्र नहीं हुआ है कट गया है हमें दुःख मनाना चाहिए

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तरह अरविन्द आश्रम ने भी कभी नहीं माना कि देश इतना ही है

हम भारत के पुजारी हैं भारत मां कहते हैं मां की भुजाएं कटी हों तो कष्ट होगा ही


 दुनिया का बन्दरबांट समझना होगा

हमको नकली भूगोल बदलना होगा

इसी देश पर बार बार संकट आये हैं लेकिन ऐसी ज्वालाएं पैदा होती रही हैं जो इन संकटों को भस्मीभूत करती रही हैं और आगे भी करेंगी 

अपने स्वार्थ के लिए अपने ही देश की पीठ पर जो छुरा भोंके ऐसा लोकतन्त्र किस काम का

2024 के चुनाव के लिए हम अपनी तैयारी अभी से प्रारम्भ कर दें इसी सरकार को दोहराने का संकल्प लेकर


इसके अतिरिक्त 

जेल में रहकर किसने हाई स्कूल की परीक्षा उत्तीर्ण की

किसने अपनी परम्परा डुबा दी  नूंह  और मणिपुर का उल्लेख क्यों हुआ 

जार्ज सोरेस का नाम क्यों आया आदि जानने के लिए सुनें