प्रस्तुत है प्रदानशूर ¹ आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज श्रावण मास शुक्ल पक्ष त्रयोदशी विक्रम संवत् 2080 तदनुसार 29 अगस्त 2023 का सदाचार संप्रेषण
*761 वां* सार -संक्षेप
1: अति दानशील पुरुष
मोक्ष परम अवस्था है जिसका अनुभव किया जा सकता है लेकिन इसे अभ्यास में लाना लगभग असंभव है मोक्ष का अर्थ है किसी भी प्रकार की चिन्ता नहीं जैसे न संबन्धों की न विचारों की न घटनाओं की न धन संपदा की चिन्ता
हम लोग मुमुक्षु हो सकते हैं लेकिन मुक्त नहीं क्यों कि हम संसार में रहते हैं इसलिए सांसारिक कर्तव्यों से विमुखता असंभव है
हम लोग व्यवधानों से भी मुक्त नहीं रह सकते इसलिए उनके आने पर भ्रमित नहीं होना चाहिए मानव का स्वभाव विविध प्रकार का है परमात्मा का भाव उसमें अवतरित हुआ है भाषा भाव विचार लेखन कृत्य मनुष्य के द्वारा ही संभव है पशु पक्षी इससे भिन्न हैं उनका स्वभाव एक ही प्रकार का होता है
हम मनुष्य मनुष्यत्व की अनुभूति कर सकें इसके लिए हमारा मार्गदर्शन होता रहा है हमारी संस्कृति हमारे ग्रंथ अद्भुत हैं और आचार्य जी का प्रयास रहता है कि शौर्य प्रमंडित अध्यात्म का आधार लेते हुए हमारी उन्मुखता इनके प्रति रहे ताकि हम सदाचारमय विचार ग्रहण कर अपने जीवन को उन्नत बना सकें श्रीमद्भगवद्गीता का मार्गदर्शन अद्भुत है इसके अध्ययन से हम किसी भी परिस्थिति का सामना करने में सक्षम हो जाते हैं अपने जीवन को उन्नत बनाने के इसमें उपाय हैं
कर्तव्य और अकर्तव्य के निर्णय में यह प्रमाणित ग्रंथ है शास्त्रोक्त विधान को जानकर हमें अपने कर्म करने के लिए उद्यत होना चाहिए इस ग्रंथ का आशय है
इसमें शरीर संबन्धी वाणी संबन्धी तप क्या हैं यह इस प्रकार बतलाया गया है
देवद्विजगुरुप्राज्ञपूजनं शौचमार्जवम्।
ब्रह्मचर्यमहिंसा च शारीरं तप उच्यते।।17.14।।
देवताओं, ब्राह्मणों , गुरुओं और ज्ञानी जनों का पूजन अर्थात् समर्पण , शुद्धता,सरलता,ब्रह्मचर्य (ब्रह्म की दिशा में उन्मुखता )और अहिंसा (किसी को कष्ट न देना लेकिन स्वयं की रक्षा करना अर्थात् हमें कायरता नहीं दिखानी है ), यह शरीर संबंधी तप है
अनुद्वेगकरं वाक्यं सत्यं प्रियहितं च यत्।
स्वाध्यायाभ्यसनं चैव वाङ्मयं तप उच्यते।।17.15।।
उद्वेग न करने वाला, सत्य, प्रिय, हित करने वाला भाषण, स्वाध्याय व अभ्यास करना वाणी सम्बन्धी तप है।
इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने आचार्य श्री आनन्द जी का नाम क्यों लिया भैया मुकेश जी भैया मनीष कृष्णा जी का उल्लेख क्यों हुआ जानने के लिए सुनें