मनोबुद्धयहंकारचित्तानि नाहं न च श्रोत्र जिह्वे न च घ्राण नेत्रे
न च व्योम भूमिर्न तेजॊ न वायु: चिदानन्द रूप: शिवोऽहं शिवोऽहम् ॥1॥
मैं न मन, न बुद्धि, न अहंकार, न ही चित्त हूं
मैं न कान , न जीभ, न नाक , न ही नेत्र हूं
मैं न आकाश , न धरती, न अग्नि, न ही वायु हूं
मैं तो शुद्ध चेतना हूं, अनादि, अनंत शिव हूं। शिव हूं l
प्रस्तुत है करुणाविमुख -रिपु ¹ आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज अधिक श्रावण मास कृष्ण पक्ष षष्ठी विक्रम संवत् 2080 तदनुसार 7 अगस्त 2023 का सदाचार संप्रेषण
*739 वां* सार -संक्षेप
1: करुणाविमुख =क्रूर
स्थान :आम्रकुंज उन्नाव
आइये सदाचार वेला में सम्मिलित हो जाएं इन वेलाओं से हम अत्यधिक ऊर्जा शक्ति प्राप्त करते हैं
हम इसी ऊर्जा और शक्ति का संचरण भी करें तभी समाज का राष्ट्र का हित होगा
सांसारिक प्रपंचों में उलझने पर अध्यात्म का आश्रय लेकर हम निःसंदेह उत्साहित रह सकते हैं हमें कभी यह अनुभव नहीं करना चाहिए कि हम असमर्थ असहाय अशक्त हैं हमें बेचारगी से बचना चाहिए। जीवेम शरदः शतम् ( अथर्ववेद -19 /67 /1 -8 ) वाचिक कायिक प्राणिक शक्ति को व्यर्थ में न गवाएं समाज विश्व विज्ञान अध्यात्म की भी हम जानकारी रखें आचार्य जी प्रतिदिन हमें यही बात समझाने का प्रयास कर रहे हैं
आचार्य जी कामना करते हैं कि हमें भौतिक विभूति अर्थात् संसार में रहने की शक्ति समर्थता भी प्राप्त हो
हम सौभाग्यशाली हैं कि हम भारतवर्ष में जन्मे हैं जहां अध्यात्म के विग्रह सिद्ध संतों का सान्निध्य हमें प्राप्त है ऐसे अनेक संत हैं जिनसे हम परिचित नहीं हैं हमें उनके बारे में भी जानने का प्रयास करना चाहिए
हम माटी के लौंदें नहीं हैं हम हर प्रकार से सक्षम समर्थ हैं इस बात में हमें भ्रम नहीं रखना चाहिए देश में विकट परिस्थितियां हैं शौर्य प्रमंडित अध्यात्म अनिवार्य है अवसर बहुत हैं अपनी भूमिका को हम पहचानें अपनी दिशा खोजें
अपने संगठन युगभारती द्वारा हम अधिक से अधिक जागरूकता फैलाएं
आत्मानन्द की अनुभूति करें जिसके लिए प्रेम आत्मीयता का विस्तार आवश्यक है
प्रयास करने पर असफल होने पर निराश न हों
इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने भैया राघवेन्द्र जी भैया अरविन्द जी श्री सुरेश सोनी जी संत रामभद्राचार्य जी की चर्चा क्यों की लंदन से कौन आता है क्या राष्ट्रीय स्वयंसेवक संगठन अध्यात्म पर आधारित संगठन है? आदि जानने के लिए सुनें