प्रस्तुत है फेरव -रिपु ¹ आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज भाद्रपद मास कृष्ण पक्ष तृतीया विक्रम संवत् 2080 तदनुसार 2 सितम्बर 2023 का सदाचार संप्रेषण
*765 वां* सार -संक्षेप
1: फेरवः =राक्षस
अपि स्वर्णमयी लङ्का न मे लक्ष्मण रोचते ।
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी ॥
हमारा राष्ट्र अद्भुत है
यह देश मेरा धरा मेरी गगन मेरा।
उसके लिये बलिदान हो प्रत्येक कण मेरा॥
हम राष्ट्रभक्त कर्मशील योद्धाओं के पथ को प्रशस्त बनाने के लिए आचार्य जी पुनः आज सदाचार वेला में उपस्थित हैं आइये समय का सदुपयोग करते हुए उनसे मार्गदर्शन प्राप्त कर हम अपने कार्य और व्यवहार को समाजोन्मुखी राष्ट्रोन्मुखी बनाने का प्रयास करें हम चिन्तन मनन अध्ययन स्वाध्याय लेखन सद्संगति निदिध्यासन में रत हों
सात्विक कर्म करने की इच्छा रखें अपने भाव विचार क्रिया का प्रकटीकरण
स्वदेशानुरागी होकर करें
विचारों की पूरी संपदा को राष्ट्र के लिए समर्पित करें
नई पीढ़ी को भी उत्साह से भर दें उसे भ्रमित होने से बचाएं उसे संस्कृत और संस्कृति का महत्त्व समझाएं
सात्विक कर्म में अनुरक्ति अद्भुत अवस्था है सात्विक कर्म करना कठिन तो है लेकिन हम सब लोग यह कर्म कर सकते हैं और ऐसा कर्म करने से जो आनन्द हमें मिलेगा उसका वर्णन नहीं किया जा सकता
गीता में
नियतं सङ्गरहितमरागद्वेषतः कृतम्।
अफलप्रेप्सुना कर्म यत्तत्सात्त्विकमुच्यते।।18.23।।
कर्म के तीन भेदों में से सात्विक कर्म वह है जो शास्त्रविधि से नियत, आसक्तिरहित, बिना राग द्वेष के हो और जिसमें फल की इच्छा न की जाए
यत्तु कामेप्सुना कर्म साहङ्कारेण वा पुनः।
क्रियते बहुलायासं तद्राजसमुदाहृतम्।।18.24।।
परन्तु जो कर्म भोगोंको चाहनेवाले मनुष्यके द्वारा अहंकार अथवा परिश्रमपूर्वक किया जाता है, वह राजस कहा गया है।
आचार्य जी ने बताया कि
सरस्वती विद्या मंदिर उन्नाव विद्यालय के ३६वें वार्षिक समारोह में आज रूप-सज्जा, रंगोली प्रतियोगिता, कला प्रतियोगिता, मेधावी अलंकरण, सांस्कृतिक कार्यक्रम है जिसमें शैक्षिक राजनीति में शुचिता के प्रतीक मुख्य अतिथि :मा. श्री राज बहादुर सिंह चन्देल जी सदस्य विधान परिषद आ रहे हैं और इस कार्यक्रम के
मुख्य वक्ता हैं भैया
आशू शुक्ल जी 1982 बैच
आप सब लोग इस कार्यक्रम के लिए आमन्त्रित हैं
इसके अतिरिक्त मा गोविन्दाचार्य जी से संबन्धित क्या प्रसंग है बलिया वाले पंडित जी कौन हैं इस संप्रेषण की तुलना नर्मदा मैय्या से क्यों हुई आदि जानने के लिए सुनें