23.9.23

आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष अष्टमी विक्रम संवत् 2080 तदनुसार 23 सितम्बर 2023 का सदाचार संप्रेषण *786 वां*

 प्रयास में लगे रहो , प्रयास ही मुकाम है, 

मनुष्य पौरुषेय का प्रयास ही सुकाम है।।


प्रस्तुत है तीव्रगति ¹  आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज  भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष अष्टमी विक्रम संवत् 2080  तदनुसार 23 सितम्बर 2023 का  सदाचार संप्रेषण 

  *786 वां* सार -संक्षेप


 1 = फुर्तीला


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कर्मपंथ के इन्द्रजाल अर्थात् इन सदाचार वेलाओं के माध्यम से हम सदाचारमय विचारों को ग्रहण कर रहे हैं क्योंकि इन्हें ग्रहण कर हमें मनुष्यत्व का बोध होता है

जीवन की जटिलताओं से निपटने के लिए हमारे मार्गदर्शक के रूप में ये विचार काम में आते हैं


राही अनथक राह चला चल

 क्षण भर भी विश्राम न ले

 हानि लाभ की वणिक वृत्ति

या तर्कबुद्धि से काम न ले




ये सदाचारमय विचारों की ही शक्ति है जो प्रेम और आत्मीयता का विस्तार करती है सत्य को आत्मसात् करने में सदाचार महत्त्वपूर्ण है 

हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारा जन्म भारतदेश में हुआ है यहां सनातन धर्म का पालन करने वाला हिन्दू मूल निवासी है सनातन धर्म हमें  सिखाता रहा है कि हम सदाचारमय विचारों को ग्रहण कर अपने मनुष्यत्व को पहचानें अपने कर्तव्य को जानें 

सनातन' का अर्थ है - शाश्वत या सदा बना रहने वाला अर्थात् जिसका न आदि है न अन्त

इसे कोई समाप्त नहीं कर सकता

हमारा एक कर्तव्य है कि 

अपने भाव विचारों और क्रियाओं के साथ सात्विक भाव से समाज की सेवा करते चलें क्योंकि समाज ही हमें देता है समाज न हो तो हम मनुष्य नहीं बन सकते इस कारण हमारा चिन्तन सामाजिक चिन्तन रहता है रहना भी चाहिए

इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए संगठन/ संघठन अत्यन्त आवश्यक है वैसे शुद्ध शब्द है संघटन

संघटन संघट संघ ऐसे मिलते जुलते कई शब्द हैं 

संघ शब्द का एक बहुत अच्छा अर्थ है

विशेष उद्देश्य के लिए एक साथ रहने वाले व्यक्तियों का समूह

संघटन  का अर्थ है

किसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए नियमित संस्था


संघटन अपने उद्देश्य की पूर्ति तब कर पाता है जब व्यक्ति व्यक्ति आत्मचिन्तन करते हुए अपने साथ समाज के लिए भी कुछ करने का भाव रखें

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ एक महत्त्वपूर्ण संघटन का उदाहरण है आचार्य जी ने इस संघटन का उद्देश्य विस्तार से बताते हुए कहा कि अध्यात्म के साथ शौर्य अनिवार्य है

इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने एक अत्यन्त प्रतिभाशाली सज्जन बुद्धदेव जी से संबन्धित क्या प्रसंग बताया

भैया पंकज भैया शौर्यजीत की चर्चा क्यों की जानने के लिए सुनें