प्रस्तुत है सत्योद्य ¹ आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज भाद्रपद मास शुक्ल पक्ष द्वादशी विक्रम संवत् 2080 तदनुसार 27 सितम्बर 2023 का सदाचार संप्रेषण
*790 वां* सार -संक्षेप
1 = सत्यभाषी
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मनुष्य को एक अद्भुत शक्ति के रूप में वाणी मिली है यह वाणी मनुष्य के लिए वरदान और अभिशाप दोनों है इसलिए इसका प्रयोग करते समय हमें अत्यधिक सावधान रहना चाहिए
ऐसी वाणी बोलिए मन का आपा खोए |
औरन को शीतल करे, आपहुं शीतल होए ||
हमारी वाणी में मधुरता का जितना अधिक अंश विद्यमान रहेगा, उतना ही हम दूसरों के लिए प्रिय बनेंगे
सारा संसार वाणी के आधार पर चल रहा है
यहां चार प्रकार की वाणी है । वैखरी/बैखरी , मध्यमा , पश्यंती और परा
जो कंठ से ध्वनि द्वारा शब्दों से बोली जाए और कान द्वारा सुनी जाए वह वैखरी है
वाणी कर्म को नियन्त्रित भी करती है और गति भी देती है
वैखरी का जिन्हें अभ्यास हो जाता है वे सहज रूप से बोलते चले जाते हैं जैसे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वितीय सरसंघचालक
माधवराव सदाशिवराव गोलवलकर ( जन्म: १९ फ़रवरी १९०६ - मृत्यु: ५ जून १९७३) की अद्भुत बैखरी थी
आचार्य जी को उनका सान्निध्य प्राप्त हुआ था
परम पूज्य हेडगेवार जी का मानना था कि व्यक्ति में कभी भी कोई दुर्गुण आ सकते हैं लेकिन त्याग का प्रतीक भगवा झंडा सदैव संदेश ही देगा अतः व्यक्ति की अपेक्षा ध्वज को गुरु मानना बेहतर है
नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे
त्वया हिन्दुभूमे सुखं वर्धितोऽहम्।
महामङ्गले पुण्यभूमे त्वदर्थे
पतत्वेष कायो नमस्ते नमस्ते॥१॥
भगवा ध्वज साक्षी है और भारत माता की प्रार्थना हो रही है परमेश्वर से याचना हो रही है कि हिन्दु राष्ट्र को परम वैभव पर पहुंचाने में मैं समर्थ हूं यह साधना का अंश है
साधना के किसी भी अंश को हमने करने के लिए यदि तय किया है तो उसे पूर्ण अवश्य करें
व्यवधानों को न देखें
परिस्थितियों के साथ सामञ्जस्य बैठाना मनुष्य के लिए अनिवार्य है सामञ्जस्य बैठाने से मनुष्य संकट से ग्रस्त नहीं होता
भगवान राम हमारे आदर्श हैं जिनका जीवन अनुकरणीय है समय गम्भीर है हमें ऐसे समय में रामत्व का वरण करना चाहिए संकट के इस समय में प्रभु राम जैसा धैर्य त्याग विवेक शक्ति सामर्थ्य चिन्तन आवश्यक है इनका नित्य स्मरण करना चाहिए
प्रभु राम हमारे मार्गदर्शक हैं
सिद्धान्त से भटके भ्रमित लोगों का मार्गदर्शन भी आवश्यक है
इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने वर्तमान सरसंघचालक का कौन सा प्रकरण बताया जानने के लिए सुनें