प्रस्तुत है युगबाहु ¹ आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज आश्विन् मास शुक्ल पक्ष पंचमी विक्रम संवत् 2080 तदनुसार 19 अक्टूबर 2023 का सदाचार संप्रेषण
*812वां* सार -संक्षेप
1 लम्बी भुजाओं वाला
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भारतीय आर्ष परम्परा को संपोषित करती इन सदाचार वेलाओं का मूल उद्देश्य है कि हम अपनी बुद्धि प्रबोधित रखें, सक्षम समर्थ शक्तिशाली बनें हमारा प्रयास रहे कि हमारी षड्विकारों से विमुखता बनी रहे ,यज्ञीय भाव से समाज -हित और राष्ट्र -हित के कार्य करते चलें ,सकारात्मक सोच की महत्ता को जानें,सद्गुणविकृति में भी न फंसे,आत्मीय जनों से संपर्क में रहें, अखंड भारत के चित्र को लगातार अपने सामने रखें, भाव और भक्ति में शक्ति की अनुभूति करें
जब प्राप्त तुम्हें सब तत्त्व यहाँ
फिर जा सकता वह सत्त्व कहाँ
तुम स्वत्त्व सुधा रस पान करो
उठके अमरत्व विधान करो
दवरूप रहो भव कानन को
नर हो न निराश करो मन को
आइये इन्हीं अनुभूतियों के साथ प्रवेश कर जाएं आज की वेला में
हम शक्ति के पुंज हैं हम केवल शरीर नहीं हैं केवल मन केवल बुद्धि केवल विचार नहीं हैं हम इन सबका समन्वित स्वरूप हैं
चिदानन्द रूपस्य शिवोऽहं शिवोऽहम्
इन्द्रियाणि पराण्याहुरिन्द्रियेभ्यः परं मनः।
मनसस्तु परा बुद्धिर्यो बुद्धेः परतस्तु सः।।3.42।।
एवं बुद्धेः परं बुद्ध्वा संस्तभ्यात्मानमात्मना।
जहि शत्रुं महाबाहो कामरूपं दुरासदम्।।3.43।।
शरीर से परे इन्द्रियाँ हैं lइन्द्रियों से परे मन है मन से परे बुद्धि है लेकिन जो बुद्धि से भी परे है, वह आत्मा है
इस प्रकार बुद्धि से परे आत्मा को जानकर बुद्धि के द्वारा मन को वश में करके तुम इस दुर्जेय कामरूप शत्रु अर्थात् लोभ लालच को मार दो
छोटे पुर्जे से लेकर बड़े पुर्जे सभी का महत्त्व है
संसार के सार को समझते हुए हम शक्ति सामर्थ्य की अनुभूति करें अपनी कमजोरियों को पराजित करें
स्वस्थ रहते हुए विचारों से जाग्रत रहते हुए बिना उद्वेलित हुए समाज का चिन्तन करें सामाजिक कार्य करें
हमारा चिन्तन पश्चिमी चिन्तन से श्रेष्ठ है हमारा दर्शन आशावादी है
यह समय ठीक नहीं चल रहा है
जगह जगह शक्ति के पुंज बनाएं
दुष्टों से तिकड़मियों से सावधान रहें
हम सब अपने को सरकार समझें
आत्मबोध से उद्बुद्ध रहकर आनन्द के अर्णव में तैरें
इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने हमीरपुर से उरई का क्या प्रसंग बताया लखनऊ के कार्यक्रम के विषय में क्या बताया और वह प्रसंग क्या था जिसमें यह बताया गया कि जब बढ़ई लकड़ी छोटी कर देता है तो उसका नाम घटई होना चाहिए न कि बढ़ई
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