29.10.23

आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज कार्तिक मास कृष्ण पक्ष प्रतिपदा विक्रम संवत् 2080 तदनुसार 29 अक्टूबर 2023 का सदाचार संप्रेषण

 प्रस्तुत है राष्ट्र -भूषा ¹  आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज  कार्तिक मास कृष्ण पक्ष प्रतिपदा विक्रम संवत् 2080  तदनुसार 29 अक्टूबर 2023 का  सदाचार संप्रेषण 

  822 वां सार -संक्षेप


 1  राष्ट्र का रत्न

प्रस्तुत है राष्ट्र -भूषा ¹  आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज  कार्तिक मास कृष्ण पक्ष प्रतिपदा विक्रम संवत् 2080  तदनुसार 29 अक्टूबर 2023 का  सदाचार संप्रेषण 

  822 वां सार -संक्षेप


 1  राष्ट्र का रत्न



इस तरह सेवा करने का अपना ही महत्त्व है साथ ही अपने अन्दर का अहम् शमित करने का प्रयास करें

गांव के इन लोगों को उस सन्मार्ग पर ले जाने का प्रयास करें जिस पर हम स्वयं चल रहे हैं

प्रस्तुत है राष्ट्र -भूषा ¹  आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज  कार्तिक मास कृष्ण पक्ष प्रतिपदा विक्रम संवत् 2080  तदनुसार 29 अक्टूबर 2023 का  सदाचार संप्रेषण 

  822 वां सार -संक्षेप


 1  राष्ट्र का रत्न


हम संपूर्ण सृष्टि को दैवीय व्यवस्था मानते हैं और कहते हैं कि जितना भी दृश्यमान जगत है सब परमात्मा का स्वरूप है


जड़ चेतन गुन दोषमय बिस्व कीन्ह करतार।

संत हंस गुन गहहिं पय परिहरि बारि बिकार॥6॥


हम शुभ और अशुभ दोनों का ध्यान रख जीवन का संचालन करते हैं

सेवा इसी का धर्ममय स्वरूप है


इसी तरह की सेवा करने का आज हमारे पास सुअवसर है आज सरौंहां में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन हो रहा है


अद्वेष्टा सर्वभूतानां मैत्रः करुण एव च।


निर्ममो निरहङ्कारः समदुःखसुखः क्षमी।।12.13।।


भूतमात्र के प्रति जो द्वेष नहीं रखता है साथ ही सबका मित्र तथा करुणावान् है

 जो ममता,अहंकार से रहित, सुख  दु:ख में सम और क्षमावान् है।


सन्तुष्टः सततं योगी यतात्मा दृढनिश्चयः।


मय्यर्पितमनोबुद्धिर्यो मद्भक्तः स मे प्रियः।।12.14।।


जो संयतात्मा, दृढ़निश्चयी योगी सदा सन्तुष्ट है, जो अपने मन और बुद्धि को मुझ में अर्पित किये हुए है,  ऐसा मेरा भक्त  मुझे प्रिय है।।


अनपेक्षः शुचिर्दक्ष उदासीनो गतव्यथः।


सर्वारम्भपरित्यागी यो मद्भक्तः स मे प्रियः।।12.16।।


जो अपेक्षारहित, बाहर भीतर से शुद्ध, दक्ष, उदासीन, व्यथारहित और सारे कर्मों का संन्यास करने वाला मेरा भक्त  मुझे प्रिय है।।


इस तरह सेवा करने का अपना ही महत्त्व है साथ ही अपने अन्दर का अहम् शमित करने का प्रयास करें

गांव के इन लोगों को उस सन्मार्ग पर ले जाने का प्रयास करें जिस पर हम स्वयं चल रहे हैं