14.12.23

आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष द्वितीया विक्रम संवत् २०८० तदनुसार 14 दिसंबर 2023 का सदाचार संप्रेषण *८६८ वां* सार -संक्षेप

 समंदर की सदा¹ हिमवान का दुर्धर महाबल हूँ,

भगीरथ का महातप और गोमुख का मुखर फल हूँ,
सनातन सत्य संयम साधना युग शौर्य का थल हूँ,
है भारतवर्ष मेरा नाम मैं संसार का कल हूँ ।।

(¹आवाज )
प्रस्तुत है अयवत् ² आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष द्वितीया विक्रम संवत् २०८० तदनुसार 14 दिसंबर 2023 का सदाचार संप्रेषण
  *८६८ वां* सार -संक्षेप

 ² सौभाग्यशाली
हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारा जन्म भारतवर्ष में हुआ है भारतवर्ष अब भी विश्व का भविष्य है यह विश्वास तब होगा जब हम अर्थात् अपने आदर्शों का पोषण करने वाले गौरव गरिमा का ध्वज फहराने वाले सुयोग्य भारतीय नागरिक वेदों से लेकर अब तक के वास्तविक इतिहास का गौरवपूर्ण ढंग से चिन्तन करते हुए समय समय पर अनुकूल पराक्रम भी प्रदर्शित करेंगे
और इसके लिए अखंड भारत के उपासक और अद्भुत परम्परा के वाहक हम अपने को प्रातःकाल जागरण से लेकर शयनकाल तक उत्साहित बनाए रखें आशा श्रद्धा विश्वास सकारात्मक सोच से संयुत रखें नई पीढ़ी को वास्तविक इतिहास से परिचित कराएं
जैसे हरि सिंह नलवा उल्लेखनीय हैं

सरदार हरि सिंह नलवा (उपनाम :बाघमार )(1791 - 1837), महाराजा रणजीत सिंह के सेनाध्यक्ष थे नलवा ने पठानों के विरुद्ध किये गये कई युद्धों का नेतृत्व किया था इनकी तुलना भारत के श्रेष्ठ सेनानायकों से की जा सकती है।

सर हेनरी ग्रिफिन ने हरि सिंह को "खालसा जी का चैंपियन" कहा है। ब्रिटिश शासकों ने हरि सिंह नलवा की तुलना नेपोलियन से की है। आपको "शेर ए पंजाब" भी कहा जाता है।

नई पीढ़ी का आत्मबोध किस प्रकार जाग्रत करें इस पर चिन्तन करें और क्रियान्वयन करें उसमें नौकर का भाव समाप्त करें


कल संसद में घटित हुई घटना की चर्चा करते हुए आचार्य जी का मत यह है कि जिन जिन लोगों ने सुरक्षा में लापरवाही की उन्हें सजा मिले यह हास्यास्पद है कि जूतों की जांच नहीं होती है
आचार्य जी ने परामर्श दिया कि हम अपने को समाज में प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत करते हुए सांसदों विधायकों आदि को भी समय समय पर सुझाव देते रहें
इसके अतिरिक्त मौलवी जी का क्या प्रसंग है भैया पंकज श्रीवास्तव जी का उल्लेख क्यों हुआ जानने के लिए सुनें