21.2.24

चार्य श्री ओम शङ्कर जी का माघ शुक्ल पक्ष द्वादशी विक्रमी संवत् २०८० तदनुसार 21 फरवरी 2024 का सदाचार संप्रेषण *९३७ वां* सार -संक्षेप

 


प्रस्तुत है तेजोवत् ¹ आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज माघ शुक्ल पक्ष द्वादशी विक्रमी संवत् २०८० तदनुसार 21 फरवरी 2024 का सदाचार संप्रेषण
  *९३७ वां* सार -संक्षेप
1 वीर

शान्ति के लिए प्रयत्नशील हम लोग संवेदनशील व्यक्ति हैं दीन दुनिया के बारे में हम लोग चिन्तित रहते हैं हम जितना आत्मविस्तार करते हैं तो हमारा पर्यावरण भी उतना विस्तृत होता जाता है हम कर्मभूमि से उपजी माटी कहते हैं
वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः

कृण्वन्तो विश्वम् आर्यम्

पूरी वसुधा ही हमारा कुटुम्ब है

गहरी चिन्तन दृष्टि रखने वाले साधु मुनि ऋषि मनीषी द्रष्टा चिन्तक विचारक कवि महाजन इसकी अनुभूति कराते रहते हैं
हमारा मार्गदर्शन करते हैं
वे यह भी कहते हैं कि परधर्म से स्वधर्म श्रेष्ठ है

श्रेयान्स्वधर्मो विगुणः परधर्मात्स्वनुष्ठितात्।

स्वधर्मे निधनं श्रेयः परधर्मो भयावहः।।3.35।।

संसार में समस्याएं हैं
जैसा संदेशखाली में हो रहा है
संपूर्ण विश्व के आधारभूत तत्त्व भारत के पश्चिम बंगाल राज्य के उत्तर 24 परगना जिले के बशीरहाट उपखंड में संदेशखाली II सीडी ब्लॉक में है यह गाँव

 तो समाधान भी हैं उलझाव है तो सुलझाव भी है

सहजं कर्म कौन्तेय सदोषमपि न त्यजेत्।

सर्वारम्भा हि दोषेण धूमेनाग्निरिवावृताः।।18.48।।
इसलिए हमें सहज अर्थात् जो साथ उत्पन्न हुआ है सह +ज कर्म करते रहना चाहिए हमारे साथ उत्पन्न हुआ है हमारा तत्त्व अर्थात् हम कौन हैं इसकी अनुभूति सतत करते रहें हम जो कर रहे हैं वह व्यर्थ नहीं है लेकिन कर्म के परिणाम में व्याकुल न हों अन्यथा हमारी शक्ति क्षीण होगी शक्ति क्षीण होने पर भक्ति संभव नहीं जब कि शक्ति भक्ति का सामञ्जस्य मनुष्य जीवन की अद्भुत उपलब्धि है

असक्तबुद्धिः सर्वत्र जितात्मा विगतस्पृहः।

नैष्कर्म्यसिद्धिं परमां संन्यासेनाधिगच्छति।।18.49।।
सब जगह आसक्ति रहित बुद्धि वाला ऐसा पुरुष जो स्पृहारहित और जितात्मा है समस्त भौतिक सुखों की चिन्ता नहीं करता है , संन्यास के द्वारा परम नैष्कर्म्य सिद्धि को प्राप्त होता है।।
इस कलयुग में

कलयुग केवल नाम अधारा, सुमिर सुमिर नर उतरहिं पारा।
रामो विग्रहवान् धर्मः
जब यह नाम जपेंगे तो उस नाम के साथ संयुत हुआ काम अपने आप स्पष्ट होगा
हम
राम काज करिबे को आतुर।।

बनें
इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने भैया विनय अजमानी जी, CJI, श्री नितिन गडकरी की चर्चा क्यों की युगभारती के inner circle के लिए आचार्य जी ने क्या परामर्श दिया जानने के लिए सुनें