4.2.24

आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का माघ कृष्ण पक्ष नवमी विक्रमी संवत् २०८० तदनुसार 4 फरवरी 2024 का सदाचार संप्रेषण *९२० वां* सार -संक्षेप

 प्रस्तुत है विप्रथित ¹ आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज माघ कृष्ण पक्ष नवमी विक्रमी संवत् २०८० तदनुसार 4 फरवरी 2024 का सदाचार संप्रेषण

  *९२० वां* सार -संक्षेप
 1 प्रसिद्ध


आइये प्रवेश करें आज की वेला से सदाचारमय विचार ग्रहण करने के लिए ताकि हम, जो उदय के गीत और प्रलय का शोर हैं,समाजोन्मुखी व्यवहार के लिए उद्यत हो सकें
समस्याओं के शमन के उपाय खोज सकें पुराण काल से प्रारम्भ अपने कथात्मक साहित्य से प्रेरित होकर कर्मानुरागी बन सकें ऐसी ऊर्जा ग्रहण कर सकें जो अनन्तकाल तक प्रतिफलित हो सके, रावणी और कंस जैसी शक्तियों को नष्ट करने की क्षमता प्राप्त कर सकें तम कुचलने की ललक न खो सकें सतत दूधिया प्रकाश फैला सकें
वयं राष्ट्रे जागृयाम पुरोहिताः

वेदों का ज्ञान कांड हो, ब्राह्मणों का कर्म कांड हो, आरण्यकों का चिन्तन कांड हो, उपनिषदों का उपदेशात्मक व्यावहारिक जगत में सफलता प्राप्त करने का सूत्र सिद्धान्त हो,
गीता जिसका सार है
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।

मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि।।2.47।।
हो या
श्रीरामचरितमानस जिसमें
नाना पुराण निगमागम सम्मतं यद् रामायणे निगदितं क्वचिदन्यतोह्यपि।
हो
सभी अद्भुत हैं
भगवान् राम हमारे आदर्श हैं
अभी हाल ही में श्री राम जन्मभूमि में भगवान राम के विग्रह की प्राणप्रतिष्ठा से पूरे देश में उन्माद छा गया था

जैसा त्रेता युग में त्याग तप संयम विवेक शौर्य शक्ति के प्रतीक भगवान् राम ने राष्ट्र हित समाज हित में एक बहुत बड़ा संगठन खड़ा कर दिया था उसी तरह हमें भी अपनी अपनी मोमबत्तियां जलाते हुए जूझने की भावना लेकर अपने संगठन को मजबूत बनाना है क्यों कि अभी भी गहरा काला अंधकार पसरा हुआ है राम जन्म भूमि का ताला खोलने के लिए हमेँ गिड़गिड़ाना पड़ा था काशी के लिए अभी संघर्षरत हैं

राम का आदर्श गीता ज्ञान का निष्कर्ष लेकर बढ़ चलो साथी अभी गहरा अंधेरा है..

इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने दूसरी किस कविता की चर्चा की भैया दिनेश जी राठ वाले और भैया अरविन्द जी का नाम क्यों लिया आज लखनऊ में होने वाली बैठक के विषय में क्या परामर्श दिया हमीरपुर का कौन सा प्रसंग बताया जानने के लिए सुनें