5.3.24

आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का फाल्गुन कृष्ण पक्ष दशमी विक्रमी संवत् २०८० तदनुसार 5 मार्च 2024 का सदाचार संप्रेषण ९५० वां सार -संक्षेप

 चमक रहा है तेज तुम्हारा,

बनकर लाल सूर्य-मंडल,

फैल रही है कीर्ति तुम्हारी,

बन करके चाँदनी धवल।

चमक रहे हैं लाखों तारे,

बन तेरा शृंगार अमल,

चमक रही है किरण तुम्हारी,

चमक रहे हैं सब जल-थल।

हे जग के प्रकाश के स्वामी!

जब सब जग दमका देना,

मेरे भी जीवन के पथ पर,

कुछ किरणें चमका देना।

(श्री सोहनलाल द्विवेदी)



प्रस्तुत है स्थितिप्रतिज्ञ ¹  आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज फाल्गुन कृष्ण पक्ष दशमी विक्रमी संवत् २०८० तदनुसार 5 मार्च 2024 का  सदाचार संप्रेषण 

  ९५० वां सार -संक्षेप

1 वचन का पालन करने वाला


अपने वचनों का सदैव पालन करने वाले शक्तिसंपन्न बुद्धिसम्पन्न विभूतिसम्पन्न कान्तिसम्पन्न मार्गदर्शक आचार्य जी नित्य हमें प्रेरित करते हैं  ताकि हम मानस पुत्रों को तत्त्व सत्त्व बुद्धि  शौर्य शक्ति पराक्रम  संयम क्षमता  प्राप्त हो आज के सदाचार संप्रेषण का मूल है हम  अपनों की रक्षा सुरक्षा का संकल्प करते हुए अपनों के प्रति आत्मीयता का भाव रखते हुए  विचार और व्यवहार को अध्यात्म के साथ संयुत करने का भारत माता की सेवा करने का  जिससे देश का भला हो ऐसे सारे काम करने का संकल्प करते हुए सदैव जाग्रत रहें


आइये  आत्म से परमात्म भाव की यात्रा करने का चिन्तन करने के लिए और संसार के आनन्दमय पक्ष का अवलोकन करने के लिए प्रवेश करें आज की वेला में


हम सभी मनुष्यों में एक विशिष्ट चमक होती है चमक रूप कार्य व्यवहार आदि किसी की भी हो सकती है यह चमक, ऊर्जा ही ईश्वरत्व है  गीता के दसवें अध्याय में भगवान् श्रीकृष्ण कहते हैं


यद्यद्विभूतिमत्सत्त्वं श्रीमदूर्जितमेव वा।


तत्तदेवावगच्छ त्वं मम तेजोंऽशसंभवम्।।10.41।।


जो कोई भी विभूति से युक्त, कान्ति से युक्त अथवा शक्ति से युक्त वस्तु,प्राणी है, वह  मेरे तेज के अंश से ही उत्पन्न हुआ है


इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने Third Way

Book by Dattopant Thengadi 

 


(Book is about the vast difference between westernisation & modernisation and how they are approached to be the same.) की चर्चा क्यों की भैया डा अमित जी भैया डा उमेश्वर जी भैया राजेश गर्ग जी भैया शरद कश्यप जी भैया भरत जी की चर्चा क्यों की

कथा कथा कथा के माध्यम से समाज को जाग्रत किया जा सकता है किसने कहा जानने के लिए सुनें