प्रस्तुत है रसज्ञ ¹ आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज चैत्र शुक्ल पक्ष चतुर्दशी विक्रमी संवत् २०८१ (कालयुक्त संवत्सर ) 22 अप्रैल 2024 का सदाचार सम्प्रेषण
९९८ वां सार -संक्षेप
¹ काव्यमर्मज्ञ
ज्ञान से परिपूर्ण ये सदाचार संप्रेषण हम अंशांशावतारियों को प्रेरित , उल्लसित और उत्साहित करते हैं हमारे अपने प्रति आनन्द में वृद्धि करते हैं अर्थात् हमारे अपने कर्मों व्यवहार आचरण के प्रति आनन्द में वृद्धि में सहायक हैं जब हम आनन्दित रहते हैं तो स्वस्थ भी रहते हैं स्वस्थता आध्यात्मिक और भौतिक जगत् दोनों से संबन्धित है
हम इस अद्भुत संसार में एक कर्तव्य को अनुभव करके रह रहे हैं यदि हम पर -कर्तव्यों की चर्चा कर रहे हैं और अपने कर्तव्य की अनुभूति नहीं कर रहे हैं तो इसका अर्थ है हम अपना समय गंवा रहे हैं हम एक दूसरे को उठाने का प्रयास करें अपनी ज्योति से प्रकाश फैलाएं और जोत से जोत जगाते चलें जागृति का संदेश दें वोट देने के लिए लोगों को प्रेरित करें
राष्ट्रीय अधिवेशन की तैयारी भी करते चलें
दम्भ से दूर रहें
हम जितना चिन्तन मनन अध्ययन स्वाध्याय करेंगे उतना ही इस संसार के रहस्यों पर से पर्दा उठता जाएगा
अध्यात्म और व्यवहार में सामञ्जस्य बैठाना हम लोगों का कर्तव्य कर्म है
अर्जुन भगवान् कृष्ण को अपना सामान्य मित्र मान रहे हैं इसलिए अर्जुन को लाभ नहीं मिल पा रहा अत्यधिक परिचय से हम उसके महत्त्व को जान नहीं पाते अर्जुन व्याकुल रहते हैं युद्ध के लिए मना कर देते हैं तब भगवान् अपना विश्वरूप उन्हें दिखाते हैं और फिर अर्जुन को समझ में आता है कि संसार की आवश्यकता क्या है
अहमात्मा गुडाकेश सर्वभूताशयस्थितः।
अहमादिश्च मध्यं च भूतानामन्त एव च।।10.20।।
हे गुडाकेश ! सम्पूर्ण प्राणियों का आदि, मध्य तथा अन्त मैं ही हूँ और प्राणियों के अन्तःकरण में आत्मरूप में भी मैं ही स्थित हूँ।
यद्यद्विभूतिमत्सत्त्वं श्रीमदूर्जितमेव वा।
तत्तदेवावगच्छ त्वं मम तेजोंऽशसंभवम्।।10.41।।
जो कोई भी विभूतियुक्त, कान्तियुक्त अथवा शक्तियुक्त वस्तु या प्राणी है, उसको तुम मेरे तेज के अंश से ही उत्पन्न जानो।।
जहां जहां भी हम विशेषता देखते हैं तो समझना चाहिए कि वह परमात्मा का ही अंश है स्वरूप है
इसके अतिरिक्त उन्नाव विद्यालय में कल किसने विश्राम किया भैया अरविन्द जी भैया मनीष जी भैया विभास जी भैया डा मलय जी भैया डा अमित जी भैया विनय अजमानी जी भैया प्रदीप जी का नाम आचार्य जी ने क्यों लिया गोपाल विलास क्या है जानने के लिए सुनें