8.4.24

आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का चैत्र कृष्ण पक्ष अमावस्या (सोमवती अमावस्या )विक्रमी संवत् २०८० तदनुसार 8 अप्रैल 2024 का सदाचार सम्प्रेषण *९८४ वां* सार -संक्षेप

 प्रस्तुत है सुतीर्थ ¹ आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज चैत्र कृष्ण पक्ष अमावस्या (सोमवती अमावस्या )विक्रमी संवत् २०८० तदनुसार 8 अप्रैल 2024 का सदाचार सम्प्रेषण

  *९८४ वां* सार -संक्षेप
1 अच्छा गुरु
स्थान : सुतीर्थ लक्ष्मणपुरी (लखनऊ )

सदाचारमय विचारों का यह संप्रेषण नित्य चल रहा है यह हनुमान जी की कृपा है सामाजिक चैतन्य को जाग्रत करने का यह प्रयास वह अप्रतिम प्रयास है जिससे कलयुग हमें जड़ीभूत न कर सके
युगभारती का परिवारभाव यदि विस्तार लेता रहेगा तो भारत की भारतीयता किसी न किसी रूप में कहीं न कहीं जीवित और जाग्रत रहेगी अपने अपने क्षेत्र में यशस्विता फैला रहे हमारे सदस्यों के बीच का अनौपचारिक प्रेम अवर्णनीय है भावना जगत में विचारों के बीज बोने के बाद आचार्य जी का प्रयास रहता है कि वे उनके अंकुरण की राह देख सकें फिर उन्हें पल्लवित होता देखें फलित होता देखें यह एक सांसारिक आकर्षण है यही संसारत्व परमात्मा में प्रवेश करता है तो वह चाहता है

एकोऽहं बहुस्याम् (मैँ एक हूँ, बहुत हो जाऊँ)
दीनदयाल विद्यालय को प्रारम्भ करने के पीछे यही उद्देश्य रहा था
चरैवेति चरैवेति सिद्धान्त को मानने वाले आचार्य जी की अपेक्षा रहती है हम एक दूसरे का सामाजिक चैतन्य भी जाग्रत करते रहें आपकी यह भी अपेक्षा रहती है कि हमारी सांसारिक आंख खुलने के साथ अन्तर्भावों को समझने वाली आध्यात्मिक आंख भी खुली रहे
आचार्य जी ने शारदीय नवरात्र और वासंतिक नवरात्र में उपवास के पीछे का उद्देश्य स्पष्ट किया
इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने भैया अरविन्द जी भैया मुकेश जी भैया अनिल राय चौधरी जी भैया विनय वर्मा जी का नाम क्यों लिया राष्ट्रीय अधिवेशन के विषय में क्या बताया क्या भैया अरविन्द जी ज्योतिषाचार्य हैं जानने के लिए सुनें