प्रस्तुत है पुष्कल आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज वैसाख शुक्ल पक्ष चतुर्थी विक्रमी संवत् २०८१ (कालयुक्त संवत्सर ) 11 मई 2024 का सदाचार सम्प्रेषण
१०१७ वां सार -संक्षेप
¹ श्रेष्ठ
स्थान :चित्रकूट
यह सदाचार संप्रेषण प्रेरक और प्रेरित का व्यवहार है किसी भी परिस्थिति में इसका सातत्य अद्भुत है प्रेरक के रूप में नित्य आचार्य जी हमें प्रेरित करते हैं यही है गुरु शिष्य परम्परा जो आज भी जीवित है
अच्छे काम का नैरन्तर्य कभी विच्छिन्न न हो और बुरे काम का जुड़े नहीं हमें भी इसका प्रयास करना चाहिए
आचार्य जी परामर्श दे रहे हैं कि हम सभी अपने अपने आवरण से बाहर निकलें
अपने अंदर दूसरों को प्रेरित करने की क्षमता विकसित करें इस आंतरिक क्षमता को विकसित करने के लिए प्रातःकाल का जागरण ध्यान धारणा प्राणायाम आदि अत्यन्त आवश्यक हैं हनुमान चालीसा का पाठ गायत्री मन्त्र का जाप आदि करें
किसी भी कार्य में व्यस्त हैं तो उसके परिणाम का भी आकलन करें चित्रकूट में बाल व्यक्तित्व विकास शिविर ३० अप्रैल से प्रारम्भ होकर १० मई को समाप्त हुआ जिसमें बच्चों ने प्रशंसनीय प्रदर्शन किए आज उसका दीक्षान्त समारोह है
आचार्य जी ने PWD के उपाध्याय जी और पद्मश्री (जल संरक्षण हेतु )उमा शंकर पांडेय जी को राष्ट्रीय अधिवेशन के लिए आमन्त्रित किया है
जल के पहरेदार जखनी ग्राम के जल योद्धा श्री उमाशंकर पांडेय जी का पद्मश्री से सम्मान हम सबके लिए गौरव की बात है। उन्होंने खेत पर मेड़ और मेड़ पर पेड़ का मंत्र संपूर्ण देश को दिया। सामुदायिक सहभागिता से उन्होंने जल संरक्षण की दिशा में निःस्वार्थ भाव से अनेक कार्य किए हैं
एक अल्प शिक्षित व्यक्ति द्वारा अपने विकास के साथ अपनों के विकास करने का यह एक आदर्श उदाहरण है
इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने श्री अभय जी का उल्लेख क्यों किया किन भैया की तबीयत खराब हुई आदि जानने के लिए सुनें