प्रस्तुत है अलघुप्रतिज्ञ ¹ आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष द्वादशी विक्रमी संवत् २०८१ (कालयुक्त संवत्सर ) 3 जून 2024 का सदाचार सम्प्रेषण
१०४० वां सार -संक्षेप
¹ गम्भीर प्रतिज्ञा करने वाला
हमारे कुछ लक्ष्य हैं
पहला है
आत्मनो मोक्षार्थं जगद्धिताय च
यह मानवजीवन के एक ही साथ दो उद्देश्यों को निर्धारित करता है- अपने मोक्ष के साथ संसार के कल्याणार्थ कार्य करना।
दूसरा
कृण्वन्तो विश्वम् आर्यम्
तीसरा
वसुधैव कुटुम्बकम्
और चौथा है
आत्म से परमात्म तक की यात्रा को सुविचारित ढंग से करना
इन सबके लिए प्रकृति और परिस्थितियां हमारे अनुकूल रहती हैं क्योंकि हम भारतवर्ष में जन्मे हैं
किन्तु हम भ्रमित रहते हैं
क्योंकि हमें भ्रमित किया गया हमारी शिक्षा को विकृत किया गया
यह सत्य है कि शिक्षा से ही समस्याओं का समाधान संभव है शिक्षा अर्थात् संस्कार
और संस्कार का अर्थ है विचारों को परिपोषित करने का एक सात्विक उपाय
शिक्षा के ऊपर हमारे देश के पूर्वजों ऋषियों चिन्तकों विचारकों ने बहुत विस्तृत चिन्तन मनन किया है और प्रकाशन भी किया है
दुर्भाग्य से हम इस चिन्तन मनन प्रकाशन से ठीक प्रकार से अवगत नहीं हो पाए और न ही अपनी पीढ़ियों को अवगत करा पाए हमने कमाना खाना उद्देश्य बना लिया
चूंकि हम कमाने खाने से भी संतुष्ट नहीं रहते हैं
तो हम मानसिक विकास व्यक्तित्व विकास की चाह में दौड़ते हैं व्यक्ति के भीतर जो व्यक्तित्व छिपा है उसकी खोज में हम सब हैं यह आनन्दमय पक्ष है जिसके शिक्षा,स्वास्थ्य, स्वावलम्बन और सुरक्षा सोपान हैं
हमें इन्हें विस्तार से समझना चाहिए भ्रमित नहीं रहना चाहिए
आचार्य जी ने यह भी स्पष्ट किया कि अपने प्राण को हम उदास न रखें
इसके साथ अपने वातावरण पर्यावरण परिवेश को पहचानें
साफ सफाई का ध्यान रखें संतुलन बैठाकर चलें
हम सितम्बर में राष्ट्रीय अधिवेशन करने जा रहे हैं जिसके माध्यम से हम समाज के निराश हताश वर्ग की निराशा को दूर करने का प्रयास करेंगे
उसे विश्वास दिलाएंगे कि हर जगह अंधकार ही नहीं है कुछ ऐसे लोग हैं ऐसी संस्थाएं हैं जो अंधकार दूर करने हेतु प्रयासरत हैं
समाज की जागृति के लिए होने जा रहे इस अधिवेशन हेतु अत्यधिक धन की आवश्यकता है जिसके लिए हम अभियान चलाएं
मर जाऊ मांगू नहीं अपने तन के काज परमार्थ के कारन मोहे ना आवे लाज
इसके अतिरिक्त स्वामी विवेकानन्द का रामकृष्ण परमहंस ने किस प्रकार मार्गदर्शन किया आचार्य जी ने आम के वृक्ष की चर्चा क्यों की कल सम्पन्न हुई बैठक के विषय में क्या कहा जानने के लिए सुनें