प्रस्तुत है आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज भाद्रपद कृष्ण पक्ष एकादशी विक्रमी संवत् २०८१ (कालयुक्त संवत्सर ) 29 अगस्त 2024 का सदाचार सम्प्रेषण
११२७ वां सार -संक्षेप
स्थान :उन्नाव
आचार्य जी परामर्श दे रहे हैं कि आगामी २१/२२ सितम्बर को होने जा रहे राष्ट्रीय अधिवेशन में हम लोग अपने कर्तव्य और व्यवहार का सामञ्जस्य बैठाएं
इस अधिवेशन से हम समाज को एक संदेश देने जा रहे हैं उसमें एक विश्वास जगाने जा रहे हैं उसका भ्रम दूर करने जा रहे हैं ताकि उसे समझ में आ जाए कि सर्वत्र तिमिर ही व्याप्त नहीं है स्थान स्थान पर कुछ प्रकाश के पुञ्ज अभी भी दिखाई दे रहे हैं इस कारण भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है