10.10.24

आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आश्विन शुक्ल पक्ष अष्टमी विक्रमी संवत् २०८१ (कालयुक्त संवत्सर ) 10 अक्टूबर 2024 का सदाचार सम्प्रेषण *११६९ वां* सार -संक्षेप

 विचार लो कि मर्त्य हो न मृत्यु से डरो कभी, 


मरो परंतु यों मरो कि याद जो करें सभी।



प्रस्तुत है आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज आश्विन शुक्ल पक्ष अष्टमी विक्रमी संवत् २०८१  (कालयुक्त संवत्सर )  10 अक्टूबर 2024  का  सदाचार सम्प्रेषण 

  *११६९ वां* सार -संक्षेप


आचार्य जी इन संप्रेषणों से परामर्श देते हैं कि हम सचेत सतर्क रहें संगठित रहें व्याकुल न रहें नकारात्मक सोच से दूरी बनाएं

शौर्यमय इतिहास की चर्चा करते हुए जागृति लाएं

हम अतुलनीय हैं यह विश्वास हमारे मन में प्रविष्ट होना ही चाहिए और अपने आचरण में भी प्रकट होना चाहिए

परमार्थ चिन्तन करें 

गीता में भगवान् कहते हैं 


क्लैब्यं मा स्म गमः पार्थ नैतत्त्वय्युपपद्यते।


क्षुद्रं हृदयदौर्बल्यं त्यक्त्वोत्तिष्ठ परन्तप।।2.3।।

इस ज्ञान से हमें उत्साह और कर्मशीलता का बोध होना चाहिए 


इस संसार में जिनके कार्य जितने अधिक प्रभावशाली हैं वे उतने ही अधिक लम्बे समय तक यहां सूक्ष्म रूप में टिके रहते हैं


स जीवति यशो यस्य कीर्तिर्यस्य स जीवति।

अयशोऽकीर्तिसंयुक्तः जीवन्नपि मृतोपमः॥


भारत के दिग्गज उद्योगपति रतन नवल टाटा कल इस संसार से विदा हो गए उनका जन्म 28 दिसंबर 1937 को मुंबई में हुआ था l

संसार से विदा होने के बाद भी जिस व्यक्ति की सहज चर्चा हो यह सिद्ध करता है कि उसे मनुष्यत्व का वरदान प्राप्त है क्योंकि मनुष्यत्व प्राप्त करना अत्यन्त कठिन है यद्यपि मनुष्य का जीवन मिलना कठिन नहीं है


वे राष्ट्र के लिए और मानवीय जीवन की सुरक्षा हेतु समर्पित व्यक्तित्व थे उनके व्यवसाय के विस्तार ने उनका  बहुत अधिक सम्मान वृद्धिंगत किया

 वे त्यागपूर्ण भोग करते थे

चित्रकूट में आरोग्यधाम में लगभग सारा धन उनका ही लगा है

उन्होंने उदारता से देश में काम किया

पद्म विभूषण और पद्म भूषण से सम्‍मान‍ित भारत के दिग्गज रतन टाटा का जीवन सबके ल‍िए प्रेरणास्रोत रहा l वे कहते थे- मैं सही निर्णय लेने में विश्वास नहीं करता, मैं निर्णय लेता हूं और फिर उन्हें सही बनाता हूं l शक्ति और धन मेरे दो मुख्य हित नहीं हैं l


इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने चिकित्सा शिविर की चर्चा में क्या कहा 

अर्जुन वाल्मीकि दधीचि ऋषि अगस्त्य का नाम क्यों लिया जानने के लिए सुनें