प्रस्तुत है आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज मार्गशीर्ष कृष्ण पक्ष षष्ठी विक्रमी संवत् २०८१ (कालयुक्त संवत्सर ) 21 नवम्बर 2024 का सदाचार सम्प्रेषण
*१२११ वां* सार -संक्षेप
हमारी जिज्ञासा को जाग्रत करने वाले ये सदाचार संप्रेषण अद्भुत हैं जो हमें प्रभावित प्रेरित भी करते हैं आचार्य जी के प्रति भारतीय संस्कृति के प्रति भारत मां के प्रति प्रेमासक्त भी करते हैं
तुलसीदास मात्र भक्त लेखक कवि संत के रूप में ही नहीं हैं वे एक प्रकार से परिपूर्ण मानव बनकर इस धरा पर आए परिपूर्ण मानव वह होता है जो संसार और संसारेतर चिन्तन को व्यावहारिक रूप में एक साथ प्रस्तुत करता है तुलसीदास जी ने चिन्तन मनन अध्ययन स्वाध्याय लेखन तो किया ही संगठन के महत्त्व को समझकर संगठन भी किया जिसकी बदौलत वे काशी और अयोध्या में विभिन्न क्रियाकलाप कर पाए
उन्होंने कलियुग के आधार और भक्ति के मूल हनुमान जी महाराज को अपना आदर्श गुरु बनाया
चिन्तन मनन अध्ययन स्वाध्याय संगठन कार्य व्यवहार का सम्मिश्रण कर भक्ति के रूप में हमें मार्गदर्शन देने वाली श्रीरामचरित मानस पुस्तक के रूप में प्रस्तुत कर दिया हमें प्रेम और भक्ति से भरा देने वाले प्रभु राम उनके आदर्श बन गए
तजि माया सेइअ परलोका। मिटहिं सकल भवसंभव सोका॥
देह धरे कर यह फलु भाई। भजिअ राम सब काम बिहाई॥3॥
मानव के रूप में देह धारण करने का यही फल है कि संपूर्ण कामनाओं का परित्याग कर श्री रामजी का भजन ही किया जाए
तुलसीदास जी बनारस में नागनथैया लीला प्रह्लाद लीला ध्रुवलीला भी करवाते थे
आचार्य जी ने परामर्श दिया कि हम उनके ग्रंथों का अध्ययन करें
उनका जीवन संघर्ष विद्रोह समर्पण का पर्याय है उन्हें भगवान् राम के जीवन,जो हम सबके जीवन में तत्त्व बनकर समाया हुआ है, में बहुत संघर्ष दिखाई दिए
हनुमान जी तो समुद्र लांघ गए हम भी इसी की अनुभूति करें असफलता से घबराएं नहीं सफल होंगे ही इसका विश्वास कायम रखें जो आनन्द की अनुभूति कराएगा
हम समस्या न होकर समाधान हैं मनुष्यत्व की अनुभूति करें मनुष्य से देव देव से परमात्म की ओर उन्मुख हों यही रामकथा का आधार है जिसे समझकर हम भगवान् राम के चरित्र को अपने भीतर अनुभव करने लगेंगे जो हमें शक्ति विश्वास शौर्य संयम पराक्रम त्याग तप समर्पण साधना प्रदान करेगा
इसके अतिरिक्त श्री आनन्द आचार्य जी ने हनुमान जी का चित्र क्यों बनाया था ८६ और ९३ बैच का उल्लेख क्यों हुआ राम की शक्तिपूजा किसने रचा आदि जानने के लिए सुनें