19.1.25

आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का माघ कृष्ण पक्ष षष्ठी तिथि विक्रमी संवत् २०८१ तदनुसार 19 जनवरी 2025 का सदाचार सम्प्रेषण *१२७० वां* सार -संक्षेप

 जहां अच्छे लोग एकत्र हो रहे हैं तो इसका अर्थ है कोई दैवीय शक्ति सद्गुणों का प्रसार कर रही है


प्रस्तुत है आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज माघ कृष्ण पक्ष षष्ठी तिथि विक्रमी संवत् २०८१  तदनुसार 19 जनवरी 2025 का  सदाचार सम्प्रेषण 

  *१२७० वां* सार -संक्षेप


एक महानिबन्ध के रूप में हमारे लिए अत्यन्त हितकारी ये सदाचार संप्रेषण हमें प्राप्त हो रहे हैं यह हमारा सौभाग्य है



मनुस्मृति में धर्म के जो दस लक्षण बताए गए हैं वो किसी जाति पंथ मजहब के न होकर मानवीय लक्षण हैं जो संकुचित मस्तिष्क वाले लोगों  जो अपने और दूसरों के बीच में भेदभाव करते हैं,से इतर हर ऐसे मनुष्य को चाहिए जो संपूर्ण वसुधा को अपना कुटुम्ब मानते हैं

जहां सत् है वहां बीज रूप में असत् भी विद्यमान् रहता है और जहां असत् है वहां बीज रूप में सत् भी रहता है चोर को चांदनी रात नहीं भाती है उसे तो अंधकार प्रिय है उससे इतर हमारा काम है प्रकाश फैलाना हम अंधकार दूर करने का प्रयास कर रहे हैं इसी सिलसिले में आज कानपुर में बैठक है जिसमें चित्रकूट जहां भगवान् राम ने उसे अपनी कर्मभूमि बनाकर शक्ति का संचय किया और समाज को संगठित किया  नानाजी ने भी इसे अपनी कर्मभूमि बनाया में एकत्रीकरण पर विचार होगा वहां ७ फरवरी को पहुंचकर   ९ फरवरी को लौटने की योजना है 

९ की रात्रि प्रयाग पहुंचने की योजना है जिसमें कुम्भ में 

भैया कुमार आनन्द अग्रवाल जी १९८७ बैच शिविर लगा रहे हैं और हमें आमन्त्रित कर रहे हैं 

हनुमान जी हमारा मार्ग निष्कंटक कर रहे हैं और हमें शक्ति सामर्थ्य दे रहे हैं हमारा मार्गदर्शन कर रहे हैं 


इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने 

भैया पुनीत श्रीवास्तव जी भैया अरविन्द तिवारी जी भैया रवीन्द्र प्रकाश जी, भैया अनुराग जी भैया प्रवीण जी भैया मनीष कृष्णा जी की चर्चा क्यों की जानने के लिए सुनें