नित्यो नित्यानां चेतनश्चेतनानामेको बहूनां यो विदधाति कामान्।
तत्कारणं सांख्ययोगाधिगम्यं ज्ञात्वा देवं मुच्यते सर्वपाशैः॥
प्रस्तुत है आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज फाल्गुन कृष्ण पक्ष षष्ठी विक्रमी संवत् २०८१ तदनुसार 18 फरवरी 2025 का सदाचार सम्प्रेषण
*१३०० वां* सार -संक्षेप
प्रतिदिन ही हम दीनदयाल विद्यालय जो हमारे लिए एक पवित्र तीर्थस्थान है के छात्रों में से बहुत लोगों को ये सदाचार संप्रेषण बहुत अच्छे लगते हैं अत्यन्त दिव्य आनन्द की अनुभूति कराते हैं प्रभावित करते हैं मङ्गलकारी आत्मबोध की ओर उन्मुख कराते हैं
क्षणांश में ही हमें यदि यह अनुभूति हो जाए कि परमात्मा हमारे अन्दर ही बैठा है
नित्योऽनित्यानां चेतनश्चेतनानामेको बहूनां यो विदधाति कामान्।
तमात्मस्थं येऽनुपश्यन्ति धीरास्तेषां शान्तिः शाश्वती नेतरेषाम् ॥
अनेक अनित्यों में एकमात्र नित्य, बहुत सी चेतन सत्ताओं में एक तत्त्व होते हुए भी जो बहुतों की कामनाओं का विधान करने में रत रहता है उसका जो धीर पुरुष आत्मा में दर्पणवत् दर्शन करते हैं, उन्हें शाश्वत शान्ति की प्राप्ति होती है, इससे इतर अन्य को नहीं।
आचार्य जी हमें इसी आत्मबोध की ओर ले जाते हैं इसी कारण हम इनको सुनने के लिए लालायित रहते हैं
जिस दिन सबसे पहले जागे, नव-सृजन के स्वप्न घने
जिस दिन देश-काल के दो-दो, विस्तृत विमल वितान तने
जिस दिन नभ में तारे छिटके जिस दिन सूरज-चांद बने
तब से है यह देश हमारा, यह अभिमान हमारा है l
सृष्टिकाल से आरम्भ हुए ऐसे भारत देश में जिनको सर्वत्र अमिट अभाव दिखे
जिनमें इस अभाव का भाव व्याप्त हो जाता है वो देव योनि से इतर बुभुक्षित प्रेत योनि में विचरण करते हैं प्रेत भाव में रहते हैं
वे धन दौलत के लिए भागते फिरते हैं
हमें उनका विश्वास नहीं करना है हमें अपना देश और समाज बहुत अच्छा लगता है हम तो मानते हैं कि
*हमारे देश की धरती गगन जल सभी पावन हैं*
*सभी सुन्दर सलोने शान्त सुरभित मञ्जुभावन हैं*
*यहां पर जो रमा मन बुद्धि आत्मिक अतल की गहराई से*
*उसको लगा करती धरा माता सुजन सब भाई से*
इसके अतिरिक्त आचार्य जी ने गीताप्रेस के बारे में क्या बताया उस प्रेस में छपे अवतार अंक की चर्चा में क्या उल्लेख किया भैया विकास गोयनका जी भैया समीर राय जी भैया राजकुमार बथवाल जी भैया मनीष कृष्णा जी भैया मोहन जी भैया वीरेन्द्र त्रिपाठी जी की चर्चा क्यों की भरतकूप का जल गोमुख का जल संगम का जल क्यों चर्चा में आया ३० मार्च का कार्यक्रम हमें कहां करना चाहिए जानने के लिए सुनें