8.3.25

प्रस्तुत है आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज फाल्गुन शुक्ल पक्ष नवमी विक्रमी संवत् २०८१ तदनुसार 8 मार्च 2025 का सदाचार सम्प्रेषण *१३१८ वां* सार -संक्षेप

 प्रस्तुत है आचार्य श्री ओम शङ्कर जी का आज फाल्गुन शुक्ल पक्ष नवमी विक्रमी संवत् २०८१  तदनुसार 8 मार्च 2025 का  सदाचार सम्प्रेषण 

  *१३१८ वां* सार -संक्षेप


आचार्य जी

(साधु चरित सुभ चरित कपासू। निरस बिसद गुनमय फल जासू॥

जो सहि दु:ख परछिद्र दुरावा। बंदनीय जेहिं जग जस पावा॥3॥)


 नित्य प्रयास करते हैं कि इन ज्ञानसम्पन्न प्रेरक कल्याणकारी मनोनुकूल सदाचार संप्रेषणों को सुनकर हम अपनी जीवनशैली के विकारों को दूर करते चलें अपने व्यवहार और आचरण को अच्छा रख सकें राष्ट्र -यज्ञ में अनाम रहने पर भी हवन से विमुख न होकर हवन करने की भावना को बलवती कर सकें,संसार में छाए अंधकार को दूर कर सकें संकटों से अपने को और अपनों को उबारने के लिए विश्वास को दृढ़ीभूत कर सकें हम संतुष्ट रहें 


सत्संग अत्यन्त उपयोगी है


बंदउँ प्रथम महीसुर चरना। मोह जनित संसय सब हरना॥

सुजन समाज सकल गुन खानी। करउँ प्रनाम सप्रेम सुबानी॥2॥


 यह परमार्थ के साथ अपना भी कल्याण करता है  अच्छे लोगों के अभाव में पुस्तकों का सान्निध्य भी सत्संग का एक उदाहरण है 

संयम और साधना के अभ्यासी आचार्य जी परामर्श दे रहे हैं कि हम चिन्तन मनन अध्ययन स्वाध्याय लेखन में अवश्य रत हों पुरुषार्थ अवश्य करें  दंभ न करें


ॐ ब्रह्मवादिनो वदन्ति॥

किं कारणं ब्रह्म कुतः स्म जाता जीवाम केन क्व च संप्रतिष्ठाः।

अधिष्ठिताः केन सुखेतरेषु वर्तामहे ब्रह्मविदो व्यवस्थाम्‌॥


सद्संगति का ही एक उदाहरण है कि ब्रह्म को चर्चा  का केंद्रबिन्दु मानते हुए ऋषिगण प्रश्न करते हैं कि क्या ब्रह्म जगत् का कारण है? हम कहाँ से उत्पन्न हुए हैं , किसके द्वारा जीवित रहने में सक्षम हैं और अन्त में किसमें विलीन हो जाते हैं ? हे ब्रह्मविदों ! उस अधिष्ठाता का नाम क्या है जिसके मार्गदर्शन में हम सुख-दुःख के विधान का पालन करते रहते हैं ?


आचार्य जी परामर्श दिया कि हम गीता प्रेस से प्रकाशित सामान्य अर्थ की पुस्तकों का अध्ययन करें अपने परिवार के साथ सत्संग करें 

अपनी दिनचर्या पर खानपान पर ध्यान दें कुसंग से बचें सचेत रहें जाग्रत रहें 

इसके अतिरिक्त हमारे ऊपर रामकृपा कैसे हुई भैया महेन्द्र जैन जी का उल्लेख क्यों हुआ बूजी का उल्लेख क्यों हुआ तथाकथित ब्राह्मण से क्या तात्पर्य है जानने के लिए सुनें