8.5.25

प्रस्तुत है *आचार्य श्री ओम शङ्कर जी* का आज वैसाख शुक्ल पक्ष एकादशी विक्रमी संवत् २०८२ तदनुसार 8 मई 2025 का सदाचार सम्प्रेषण *१३७९ वां* सार -संक्षेप

 यह पाक नहीं, भारत का वक्षस्थल है

ऋषियों का पुण्य प्रताप तपस् का फल है

दुनिया का बन्दर - बाँट समझना होगा

हमको नकली भूगोल बदलना होगा ।

प्रस्तुत है *आचार्य श्री ओम शङ्कर जी* का आज वैसाख शुक्ल पक्ष एकादशी विक्रमी संवत् २०८२  तदनुसार 8 मई 2025 का  सदाचार सम्प्रेषण 

  *१३७९ वां* सार -संक्षेप

इन सदाचार संप्रेषणों का उद्देश्य है कि हम स्वदेश -हित में रत हों हमारा व्यक्तित्व राष्ट्रोन्मुखी हो हमारी वाणी हमारी लेखनी स्वदेशाभिमान से परिपूर्ण हो,हम जागरूक रहें, संगठित रहें, सकारात्मक चिन्तन रखें,अपने आर्ष साहित्य से शक्ति की प्रेरणा लें


प्रचण्ड वज्रदंड से प्रहार हो 

जवानियों के हाथ में कुठार हो..


भारत को वर्तमान में अनेक बहुआयामी और प्रापंचिक (छलपूर्ण) संकटों का सामना करना पड़ रहा है 

भारत की सुरक्षा केवल बाहरी खतरों तक सीमित नहीं है; देश के भीतर भी कई ऐसे तत्व सक्रिय हैं इन आंतरिक शत्रुओं से सतर्क रहना और उन्हें पहचानना नितान्त आवश्यक है।

पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन जैसे लश्कर-ए-तैयबा, जैश-ए-मोहम्मद और हक्कानी नेटवर्क भारत की सुरक्षा के लिए निरंतर संकट बने हुए हैं। ये संगठन सीमापार से आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के साथ-साथ भारत के भीतर भी अस्थिरता फैलाने का प्रयास करते हैं सरकारी प्रतिष्ठानों, सुरक्षा बलों और आम नागरिकों पर हमले करके अस्थिरता फैलाते हैं।


पाकिस्तानी चिंतन का सोच विषैला

कर गया देश के स्वाभिमान को मैला

भारत माँ की वन्दना हुई परदेशी

अन्तरतम बँट कर हुआ आज प्रतिवेशी ।

पाकिस्तानी विषधर फुंकार रहा है

जागो जन्मेजय देश पुकार रहा है


आहुतियाँ बाकी हवन - कुण्ड धधकाओ

होता बन फिर से सोये मंत्र जगाओ ।

स्वाहा करके विष-वंश, शान्ति को लाओ

ओ बुद्ध ! देशहित आओ खड्ग उठाओ

अब नहीं शान्ति उपदेश छिड़ गया रण है

'क्षण भर भी नहीं विराम' हमारा प्रण है  l


पहलगाम कांड का कल भारत ने बदला ले लिया हमें जो सफलता मिली वो प्रशंसनीय है साथ में सजगता भी प्रशंसा का पात्र है


लुर्किये क्या है जानने के लिए सुनें